तरोताज़ा महसूस करने, पाचन को बढ़ाने, पेट फूलने और अपच की परेशानी का इलाज करने के लिए स्वादिष्ट भोजन के तुरंत बाद सौंफ खाना भारत में आम है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सौंफ का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है।
सौंफ के अन्य नामों में तेलुगु में सोम्पू, तमिल में पेरुनसीराकम, मलयालम में पेरुन्जिराकम, बंगाली में मौरी और हिंदी में सौंफ शामिल हैं।
सौंफ पाचन और श्वसन संबंधी बीमारियों के इलाज, वज़न घटाने, दृष्टि में सुधार, ब्लड प्रेशर प्रबंधन, और मासिक धर्म की समस्याओं को ठीक करने में फायदेमंद होती है। सौंफ पोषक तत्व में उच्च होती है और इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइन्फ्लैमटरी और एंटीबेक्टेरियल गुण होते हैं।
आइए हम सौंफ के पोषक तत्वों के बारे में जानें।
1.सौंफ के पोषक तत्व
2.सौंफ के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
3.सौंफ के पानी के फायदे
4.गर्भावस्था में सौंफ खाने के फायदे
5.गर्भावस्था पर सौंफ के संभावित दुष्प्रभाव
6.आहार विशेषज्ञ की सलाह
7.निष्कर्ष
8.सामान्य प्रश्न
सौंफ कम कैलोरी और विभिन्न सूक्ष्म और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के हाई कंसंट्रेशन वाले पोषक तत्वों का पावरहाउस है। लगभग 100 ग्राम सौंफ में होते हैं:
सौंफ के अनेक सवास्थ्य लाभों में से हमने यहाँ कुछ सूचीबद्ध किये हैं:
सौंफ की अच्छाई इसके आवश्यक वष्प बनाने योग्य तेल में होती है जो पाचन रस और एंजाइम के स्राव को उत्तेजित करने के लिए जाने जाते हैं, जो पाचन में सहायता करते हैं। सौंफ बच्चों में हार्टबर्न, पेट फूलना, सूजन और पेट के दर्द सहित विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं में मदद कर सकती है। एंटीस्पास्मोडिक और कार्मिनेटिव गुण इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज़ (GERD) और अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज में सहायता करते हैं।
सौंफ पाउडर एक बेहतरीन रेचक है जो कब्ज़, पेट में ऐंठन, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानी में मदद कर सकता है।
इसके अलावा, सौंफ में डाइटरी फाइबर की प्रचुरता पित्त और गैस्ट्रिक जूस के स्राव को बढ़ाकर आंतों की गतिविधि को उत्तेजित करती है और पेरिस्टाल्टिक मूवमेंट को बनाए रखती है, जिससे आंत्र की सुचारू कार्यप्रणाली को नियंत्रित किया जाता है।
सौंफ आंत की एसिडिटी को बेअसर करने में मदद करती है, जो खराब आहार की आदतों, एक गतिहीन जीवन शैली और अधिक वज़न के कारण होती है। इसके अलावा, खाने के तुरंत बाद सौंफ खाने से सीने में जलन और उल्टी से बचा जा सकता है। नतीजतन, सौंफ एंटी-एसिडिटी में एक महत्वपूर्ण घटक है।
सौंफ में विभिन्न असेंशिअल आयल और एनेथोल होते हैं, यह सक्रिय कंपाउंड हैं जो ब्लड शुगर स्पाइक्स को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। सौंफ, जो विटामिन C, बीटा-कैरोटीन, एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक मिनरल में उच्च होती है, इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करती है और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करती है।
सौंफ खा कर आप मुँह में तरोताज़ा महसूस करते हैं, यह सांस की बदबू के लिए एक सरल और प्रभावी घरेलू उपाय है। सौंफ का मीठा और हल्का मुलेठी स्वाद सलाइवा सेक्रेशन को उत्तेजित करता है, जो बैक्टीरिया को दूर करने में सहायक होता है।
इन लाभों के अलावा, आवश्यक तेल में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो सांस की दुर्गंध पैदा करने वाले रोगाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं। सौंफ को 10 मिनट तक चबाकर खाने से आपकी सांस तुरंत तरोताज़ा हो सकती है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए नियमित रूप से सौंफ का सेवन करें। सौंफ विटामिन A और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसका उपयोग पानी और आंखों में सूजन के इलाज के लिए भी किया जाता है, और इसके अर्क से ग्लूकोमा को कम किया जा सकता है। एनेथोल कंपाउंड भी लेंस के प्रोटीन को बढ़ाता है और मोतियाबिंद की प्रगति को धीमा करता है।
सौंफ खाना फायदेमंद होता है ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि सौंफ का पानी पीना भी उतना ही फायदेमंद होता है। सौंफ के पानी के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं:
सौंफ का पानी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है और वज़न घटाने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एन्टीबैक्टेरिअल गुण होते हैं जो त्वचा को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाते हैं, त्वचा के सेल्स के जीवन को बढ़ाते हैं।
पोटेशियम, सेलेनियम और ज़िंक जैसे मिनरल त्वचा में मुँहासे, चकत्ते और सूखेपन का इलाज करने में मदद करते हैं।
सौंफ भूख को दावती है और इसे वज़न घटाने के लिए क्लीन ईटिंग प्लान में शामिल किया जा सकता है। वज़न घटाने के लिए सौंफ पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम के साथ मिलकर अत्यधिक फायदेमंद हो सकती है।
सौंफ में ड्यूरेटिक गुण होते हैं, जो डिटॉक्सिफिकेशन और मेटाबॉलिज़्म में सहायता करते हैं। इनमें विटामिन B-6 भी होता है, जो एनर्जी मेटाबॉलिज़्म के लिए ज़रूरी होता है।
इसलिए सौंफ का पानी या चाय पीने से आप लंबे समय तक तृप्त रहते हैं, जिससे आप कुल मिलाकर कम कैलोरी का सेवन करते हैं।
सौंफ में ड्यूरेटिक गुण होते हैं। इसका तात्पर्य है कि वे किडनी के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जो रक्त साफ़ करने में सहायता करता है। कहा जाता है कि एक चम्मच सौंफ को पानी में मिलाकर पीने से आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने और स्वस्थ पोषक तत्वों के सर्वोत्तम अवशोषण को बढ़ाने में मदद मिलती है।
सौंफ में ड्यूरेटिक गुण होने के कारण, यह मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है और शरीर में अतिरिक्त पानी को समाप्त करता है। यह उन जिम फ्रीक्स के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो अपने शरीर के घटकों के बारे में अविश्वसनीय रूप से जानते हैं। इसके अलावा, सौंफ में डायफोरेटिक गुण होते हैं जो अधिक पसीने निकालते हैं।
सौंफ में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है और यह ब्लड प्रेशर प्रबंधन में उत्कृष्ट है, यह एक ऐसा तत्व है जो ब्लड प्रेशर कम करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर, हृदय गति और शरीर के फ्लूइड कंसंट्रेशन को नियंत्रित करने में अत्यंत उपयोगी होता है।
सौंफ विटामिन C, विटामिन A, एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल और फाइबर सहित पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए रोज़ाना एक चम्मच सौंफ कई तरह की समस्याओं में मदद कर सकती है। साथ ही सौंफ को आप अलग-अलग तरह की रेसिपी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे भुनी हुई सौंफ, सौंफ का शरबत, सौंफ का पानी, सौंफ की चाय, चटनी आदि।
-डाइटीशियन लवीना चौहान
इस सुगंधित और स्वादिष्ट औषधि में विटामिन C और A सहित विभिन्न पोषक तत्व और कैल्शियम, आयरन, ज़िंक और मैंगनीज़ जैसे मिनरल शामिल हैं। इसके अलावा, सौंफ एंटीऑक्सिडेंट और वाष्पशील तेलों में उच्च होती है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार, सूजन को कम करने, पाचन को उत्तेजित करने और वज़न घटाने के लिए फायदेमंद होती है। इस अद्भुत हर्ब के स्वास्थ्य लाभों को पाने के लिए, अपनी दिनचर्या में सौंफ को शामिल करें।
1. रोज़ाना सौंफ का पानी पीने से क्या होता है?
यह विटामिन और मिनरल में उच्च होती है और रक्त शोधक के रूप में कार्य करती है। यह हृदय रोगियों के लिए बहुत अच्छी होती है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है और ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करती है। इसके अलावा सौंफ आंखों की रोशनी के लिए भी बहुत अच्छी होती है।
2. क्या मासिक धर्म के लिए सौंफ अच्छी होती है?
सौंफ में एमेनगॉग नामक कंपाउंड होता है, जो मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है। इसलिए, यह मासिक धर्म की प्रक्रिया को बढ़ाती हैं और पीरियड्स के दौरान सेवन के लिए भी स्वस्थ मानी जाती है क्योंकि यह ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करती है।
3. क्या सौंफ हार्मोनल असंतुलन के लिए अच्छी है?
सौंफ में फाइटोएस्ट्रोजेन होता है, जो महिलाओं में हार्मोनल संतुलन में मदद करता है। सौंफ की चाय का एक कप पॉलीसिस्टिक ओवेरी और हाइपरथायरायडिज़्म जैसे हार्मोनल परेशानी को दूर रख सकता है।
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