क्या आप जानते हैं कि मक्खन को प्राचीन काल का प्रोबायोटिक कहा जाता था। आइये इसके कारण जानते है:
छाछ हमारी भारतीय संस्कृति में सबसे पुराणी डेयरी आधारित ड्रिंक है। यह मक्खन बनाने के लिए दूध की मलाई के मंथन से बना दूध का उपोत्पाद है। आयुर्वेदिक विज्ञान में इसका उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
यह फैट रहित होता है क्योंकि मक्खन अलग हो जाता है और स्वस्थ बैक्टीरिया के कारण थोड़ा खट्टा होता है। इसे सुपरफूड के रूप में भी जाना जाता है, यह एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन ए और डी से भरपूर होता है।
1. छाछ का पोषक मूल्य क्या है?
2. छाछ के फायदे
3. सादी छाछ की रेसिपी
4. निष्कर्ष
5. सामान्य प्रश्न
छाछ पोषक तत्वों का पावरहाउस है। इसकी प्रकर्ति एसिडिक होती है और इसमें सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादित लैक्टिक एसिड होता है। इसके अलावा, यह एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है।
100 मिलीलीटर छाछ में शामिल हैं:
कैलोरी - 40 Kcal
फैट - 0.9 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल - 4 मिलीग्राम
प्रोटीन - 3.3 ग्राम
सोडियम - 105 मिलीग्राम
पोटेशियम - 151 मिलीग्राम
मैग्नीशियम - 2%
कैल्शियम - 2%
विटामिन सी - 1%
छाछ न केवल पोषक तत्वों से भरपूर होती है, बल्कि इसके पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं:
छाछ शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और तरल पदार्थ के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है क्योंकि इसमें दही, नमक और पानी होता है। गर्मियों में डिहाइड्रेशन के मौसम में एक गिलास छाछ आपको हाइड्रेटेड कर देती है।
जहां ठंडे सोडा केवल क्षणिक राहत देते हैं, वहीं छाछ शरीर को भीतर से ठंडा करती है। इसके ठन्डे गुण प्रभावी रूप से शरीर के तापमान को कम करते हैं।
दही में प्रोबायोटिक गुण होते हैं, और चूंकि छाछ दही आधारित पेय है, इसलिए यह पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया के उत्पादन को बढ़ाती है।
विज्ञान कहता है, "एक स्वस्थ पाचन तंत्र व्यक्ति की प्रतिरक्षा और समग्र भलाई के लिए अच्छा होता है।"
क्या आप अपना वज़न कम करना चाहते हैं? तो छाछ सही विकल्प है! वज़न घटाने के लिए लोग आमतौर पर डेयरी उत्पादों का सेवन करने से परहेज करते हैं। हालांकि, छाछ में वे सभी पोषक तत्व होते हैं जो दूध में बिना फैट के होते हैं।
कैलोरी की मात्रा कम करने का लक्ष्य रखने वाले लोगों के लिए यह सबसे अच्छी ड्रिंक है। एक गिलास छाछ आपको लंबे समय तक तृप्त रखती है।
गर्मी से त्वचा ऑयली और बेजान हो जाती है। लेकिन, एक गिलास छाछ इसे ठीक करने का सबसे सरल उपाय है! छाछ में अल्फा हाइड्रोलिक एसिड (AHA) और लैक्टिक एसिड होता है जो आपकी त्वचा को गर्मियों में होने वाले नुकसान से बचाता है।
छाछ एनर्जी का अच्छा स्रोत है और आपको पूरे दिन सक्रिय रखती है। इसमें राइबोफ्लेविन और विटामिन बी होता है, जो आपके शरीर के ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
मसालेदार और तैलीय भोजन से एसिड रिफ्लक्स होता है और पेट में जलन होती है। हालांकि, उस स्थिति में एक गिलास छाछ सबसे अच्छा उपाए है। काली मिर्च और धनिया के साथ एक गिलास छाछ का सेवन एसिडिटी को ठीक करने में मदद करता है।
छाछ कैंसर के मरीजों के लिए कई तरह से मददगार होती है। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से गुज़रने वाले कैंसर के रोगी अक्सर कमज़ोर, डिहाइड्रेटेड और जटिल खाद्य पदार्थों को पचाने में असमर्थ होते हैं। इसलिए, इन रोगियों को छाछ का सेवन उनके पाचन तंत्र को पर्याप्त पोषण प्रदान कर सकता है।
हैल्थी स्कलेटल सिस्टम के लिए कैल्शियम महत्वपूर्ण है, और छाछ कैल्शियम का समृद्ध स्रोत है। यह ऑस्टियोपोरोसिस(osteoporosis) जैसे डिजेनेरेटिव डिसीज़ को रोकने में मदद करता है। 100 मिलीलीटर छाछ में लगभग 116 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
छाछ रक्तचाप को कम कर सकती है और हाई ब्लडप्रेशर और हार्ट डिसीज़ के मरीज़ों की मदद कर सकती है। इसका नियमित सेवन सिस्टोलिक रक्तचाप को कम करता है और मीन आर्टेरिअल(mean arterial) रक्तचाप को कम करता है।
यहाँ छाछ के लिए कुछ विशिष्ट व्यंजन हैं। इन्हें आप कुछ ही मिनटों में आसानी से बना सकते हैं।
पारंपरिक रूप से बनाई जाने वाली छाछ पतली और खट्टी होती है।
सामग्री
गाढ़ा दही - ½-¾ कप
पानी - ½ कप
नमक, स्वादानुसार
बनाने की विधि
1. दही को एक चौथाई कप पानी के साथ फेंट लें।
2. स्वादानुसार नमक डालें।
सामग्री
दही - 1 कप
हरी मिर्च - 1 बड़ा चम्मच
बर्फ के टुकड़े - 4
हरा धनिया - 2 बड़े चम्मच
ठंडा पानी - 3 कप
अदरक का रस - 1 बड़ा चम्मच
करी पत्ता - 2 स्प्रिंग
नमक, स्वादानुसार
बनाने की विधि
1. दही को एक जार में अच्छी तरह फेंट लें।
2. दही को फेंटते समय ठंडा पानी डालें।
3. अदरक का रस डालें और मिश्रण को पतला करने के लिए अच्छी तरह मिलाएँ।
4. अब इसका तड़का तैयार करें।
5. धीमी आंच पर एक छोटा पैन रखें।
6. इसमें तेल डालें।
7. तुरंत ही करी पत्ता डालें और कटी हुई हरी मिर्च डालें।
8. जब ये चटकने लगे तो गैस बंद कर दें।
9. इसे जार में बने दही के ऊपर डालें।
10. बर्फ के टुकड़े डालें और ऊपर से हरा धनिया डालें।
छाछ एक फर्मेन्टेड डेयरी उत्पाद है जिसमें अदभुत स्वाद और अधिक पोषण होता है। इसके तत्काल शीतलन प्रभाव और जीवाणुरोधी गुण कई संक्रमणों को रोक सकते हैं। प्रोबायोटिक्स इसे स्वस्थ और फायदेमंद बनाते हैं।
इसलिए इसे अमृत कहा जाता है।
1. छाछ पीने का सबसे अच्छा समय क्या है?
पाचन समस्याओं वाले लोगों को खाली पेट एक गिलास छाछ पीने की सलाह दी जाती है। हालांकि, खाने के बाद इसका सेवन ज्यादातर लोगों के लिए सबसे अच्छा होता है।
2. अधिक पौष्टिक क्या है छाछ या दूध?
दूध मे छाछ की तुलना में अधिक विटामिन होते हैं। इसमें विटामिन ए, बी2, बी3, बी4 और बी12 की मात्रा अधिक होती है।
3. छाछ पीने से किसे बचना चाहिए?
छाछ में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए, यह किडनी की समस्या वाले रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं है। अगर आप किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं तो इसे पीने से बचें। छाछ से आपको ज़ुखाम भी हो सकता है।
4. छाछ के दुष्प्रभाव क्या हैं?
छाछ से पाचन संबंधी समस्याएं और एलर्जी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, इसका हाई सोडियम कॉन्टेंट कुछ व्यक्तियों के लिए समस्याग्रस्त हो सकती है।
5. क्या मैं रोजाना छाछ पी सकता हूं?
जी हाँ, आप रोज़ाना छाछ पी सकते हैं। एक या दो गिलास एक दिन में पी सकते हैं या जैसा कि आपके डाइट विशेषज्ञ सुझाव देते हैं।
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