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    • cal28-February-2023 adminAkansha Dubey

      कतला फिश के लाभ और व्यंजन विधि

    • यह भारत में तीसरी सबसे लोकप्रिय फ्रेशवॉटर फिश है। "मेजर इंडियन कार्प", जिसे कतला के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में नदियों और झीलों में पाई जाने वाली एक आम प्रजाति है। यह फ्रेशवॉटर फिश अपने उत्तम स्वाद और कई स्वास्थ्य लाभ जैसे हृदय स्वास्थ्य और मांसपेशियों की मज़बूती आदि कई लाभ शामिल हैं। 

      अंग्रेजी में, इसे भारतीय कार्प या बंगाल कार्प के रूप में जाना जाता है, मलयालम में कराकटला या कराका, तेलुगु में बोटची और बंगाली में कैटला के रूप में जाना जाता है।

      यह आमतौर पर करी और अन्य मसालेदार व्यंजनों में प्रयोग की जाती है। कुछ लोग इसे नींबू के रस के साथ कच्चा खाना पसंद करते हैं। यह पारंपरिक भारतीय अचार का भी एक महत्वपूर्ण घटक है। 2 पाउंड से अधिक वज़न वाली कतला फिश का स्वाद बहुत तीखा होता है। 

      कतला फिश दक्षिण एशिया में मनुष्यों के लिए एक महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत है और अक्सर इसे ताज़ा, सूखे या नमकीन रूप में सेवन किया जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि यह अन्य प्रकार की मछलियों की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की तुलना में अधिक प्रोटीन और फैट होता है। आइये ToneOp के विशेषज्ञों द्वारा बताये गए इस फिश के अनेक तथ्यों को समझते हैं:

      विषयसूची

      1. कतला फिश के पोषण मूल्य

      2. कतला फिश के स्वास्थ्य लाभ

      3. कतला फिश की रेसिपी: कतला कालिया

      4. आहार विशेषज्ञ की सलाह 

      5. निष्कर्ष 

      6. सामान्य प्रश्न

      कतला मछली का पोषण मूल्य

      कतला प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन B1 और B12 का अच्छा स्रोत है। इसमें अच्छी मात्रा में अमीनो एसिड टॉरिन होता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। NIN रेफरेंस रेंज के अनुसार इस मछली (100 g) का पोषण मूल्य नीचे दिया गया है:

      • ऊर्जा -111 Kcal
      • मॉइस्चर-74g
      • प्रोटीन -19g
      • फैट  - 2 g
      • मिनरल - 1g
      • फाइबर - 0 g
      • कार्बोहाइड्रेट - 3 g
      • कैल्शियम - 530mg
      • फास्फोरस - 235mg
      • आयरन - 1mg
      • ज़िंक - 1.35mg
      • विटामिन D - 102IU
      • विटामिन E - 1.21mcg

      कतला फिश के स्वास्थ्य लाभ

      • कतला फिश को हृदय स्वास्थ्य, संज्ञानात्मक कार्य और जोड़ों के दर्द में सुधार के लिए अच्छा माना जाता है।
      • कतला फिश प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड का भी अच्छा स्रोत है।
      • अमेरिका द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार कतला फिश में सेलेनियम, कैल्शियम, विटामिन B12 और नियासिन जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं।
      • सेलेनियम में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकने में मदद कर सकती है।
      • कैल्शियम स्वस्थ हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों की देखभाल में सहायता करता है।
      • विटामिन B12 नर्वस सिस्टम को ठीक से काम करने में मदद करता है, थकान कम करता है, स्मृति में सुधार करता है और सामान्य ब्लड सेल्स निर्माण को बढ़ाता है।
      • नियासिन हृदय रोग के जोखिम वाले लोगों के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
      • कतला फिश प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो मांसपेशियों, बाल, त्वचा और नाखूनों सहित शरीर के टिशूज़ को बढ़ने और ठीक करने में मदद करती है।
      • EPA और DHA ओमेगा-3 फैटी एसिड के उदाहरण हैं। आंशिक रूप से ब्लड प्रेशर को कम करने की क्षमता के कारण, इसे हृदय-स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद माना गया है। इसके अलावा, अध्ययन इसका समर्थन करते हैं कि ये फैटी एसिड सूजन को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं।
      • अध्ययनों से पता चला है कि कतला फिश के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया से पीड़ित लोगों की मदद कर सकते हैं।
      • कतला फिश में कैरोटेनॉयड्स, पॉलीफेनोल्स, विटामिन A, E और ज़िंक जैसे एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। साथ में, ये एंटीऑक्सिडेंट आपके शरीर के सेल्स की रक्षा के लिए फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं। इसके अलावा, कतला फिश कैल्शियम का एक शानदार स्रोत है, जो केवल 100 g भोजन में दैनिक अनुशंसित मात्रा का 16% प्रदान करती है।

      कतला फिश की रेसिपी: कतला कालिया

      फिश करी, साइड डिश, कतला मैश, कतला ऑमलेट और फ्राइड कतला डिश के उदाहरण हैं। कतला मुगलई फिश कालिया की एक बंगाली रेसिपी है, इसके निम्नलिखित रेसिपी हैं:

      सामग्री:

      मछली को मैरीनेट करने के लिए

      • कतला फिश - 500 g
      • सरसों का तेल - 1 छोटा चम्मच
      • हल्दी पाउडर - ½ छोटा चम्मच
      • नमक - ½ टेबल स्पून
      • प्याज (प्याज पेस्ट के लिए) - 8 मध्यम आकार की 

      अदरक मिर्च पेस्ट के लिए

      • लाल मिर्च - 3 मिर्च
      • कश्मीरी लाल मिर्च या ब्यादगी मिर्च - 2 मिर्च
      • अदरक - 3 इंच
      • हरी मिर्च - 2 मिर्च
      • पानी - ½ बड़ा चम्मच

      कतला कालिया करी के लिए

      • सरसों का तेल - 150 g
      • हल्दी पाउडर - 1 टेबल स्पून
      • जीरा पाउडर - 2 बड़े चम्मच
      • दही - ½ कप
      • टमाटर - 3 मध्यम आकार के
      • हरी मिर्च - 3 मिर्च
      • नमक - स्वादअनुसार
      • चीनी - 1 बड़ा चम्मच

      तेल तड़का लगाने के लिए मसाले

      • तेजपत्ता - 2 टुकड़े
      • लौंग - 3 टुकड़े
      • दालचीनी - 1 इंच
      • इलायची - 3 टुकड़े
      • जीरा - 1 छोटा चम्मच

      व्यंजन विधि

      कतला कालिया की विधि

       

      1. मछली को अच्छी तरह धो लें, फिर पानी को निकलने दें। इसके बाद मछली के टुकड़ों को तेल, नमक और हल्दी में मैरीनेट करें।

      2. लाल मिर्च और कश्मीरी (या बयाडगी) लाल मिर्च को रात भर पानी में भिगोकर अदरक मिर्च का पेस्ट बना लें। आप वैकल्पिक रूप से पानी उबाल सकते हैं और अधिक तेज़ परिणामों के लिए मिर्च को 30 मिनट के लिए भिगो सकते हैं।

      करी रेसिपी 

      1. कढ़ाही में तेल को धुआँ उठने तक गरम करें।

      2. तेल से धुआँ उठने के बाद आंच को मध्यम कर दें, फिर मछली को दोनों तरफ से तलें। सुनिश्चित करें कि प्रत्येक पक्ष सुनहरा हो जाए।

      3. मछली को थोड़ा थोड़ा करके भूनें।

      4. करी को नए तेल में बनाना चाहिए। तेल कम होने पर आप और सरसों का तेल डाल सकते हैं।

      5. इसे धीमी आंच पर पकने दें। 

      6. "मसाले के तड़के" के लिए, सामग्री में, सारे मसाले मिलाएँ। सारे सालों का स्वाद लेने के लिए एक मिनट के लिए चलायें।

      7. प्याज का पेस्ट डालें और आँच को मध्यम कर दें। तब तक पकाएं जब तक कि कच्ची महक न चली जाए और रंग भूरा न हो जाए।

      8. मिर्च अदरक का पेस्ट डालें और कुछ मिनट के लिए उबाल लें।

      9. मिर्ची अदरक के पेस्ट का कच्चा स्वाद जाने पर हल्दी और जीरा पाउडर डालें।

      10. मसालों को कच्चा स्वाद ख़त्म होने तक भूनना चाहिए। फिर, आंच को कम कर दें जब तक कि कच्चा स्वाद न चला जाए।

      11. दही को फैंटने के बाद डालें। फटने से बचाने के लिए लगातार चलाते रहें। इसमें दो से तीन मिनट का समय लग सकता हैं।

      12. फ्लेम को मध्यम पर सेट करें। कटे हुए टमाटर डालें। तेल छूटने लगे तब तक पकाएं। मसाले को कढा़ई के तले में लगने से बचाने के लिए चलाते रहें। 

      13. जब मसाला और टमाटर का मिश्रण पूरी तरह से पक जाएगा तो इसमें से तेल अलग होने लगेगा। 

      14. इसमें गर्म पानी डालें।

      15. तेल में उबाल आने पर नमक और चीनी डालें। फिर हरी मिर्च मिलाएँ।

      16. पांच मिनट तक कतला कालिया को मध्यम आंच पर ढककर पकाएं। 

      17. ऊपरी भाग को हटा दें और सीज़निंग करें। 

      18. आंच धीमी कर दें और इसमें फिश फिलेट्स डालें। ढककर 10 मिनट और पकाएं।

      19. आंच बंद कर दें, अब यह सर्विंग के लिए तैयार है।

      आहार विशेषज्ञ की सलाह 

      कतला आम तौर पर जून से जुलाई तक पायी जाती है क्योंकि ये ब्रीड इसी सीजन तक होती है। इस फिश में कई पौष्टिक तत्त्व होते हैं, और इसमें मरकरी की मात्रा कम होती है। यह हृदय स्वास्थ्य, हड्डी, त्वचा और आंखों में सुधार करती है।

      -डाइटीशियन वाजेदा रहमान

      निष्कर्ष 

      कतला को अपने आहार में शामिल करना न भूलें। कई स्वास्थ्य लाभों के लिए कतला फिश को अपने आहार में शामिल करें। ये फैटी एसिड अच्छे फैट होते हैं और आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुँचाते, इसलिए प्रत्येक सप्ताह कतला फिश की कम से कम दो सर्विंग शामिल करें। अच्छे फैटी एसिड से मस्तिष्क, लंग्स, हृदय और परिसंचरण को बहुत लाभ होता है।

      सामान्य प्रश्न

      1. कतला फिश भारत में कहाँ पाई जाती है ?

      इसे नेपाल और भारत के पड़ोसी हिस्सों में उड़ीसा तक बाकुरा के नाम से जाना जाता है। कतला एक विशाल, चौड़े सिर वाली मछली है जिसमें एक प्रमुख निचला जबड़ा और ऊपर की ओर मुंह होता है

      2. क्या कतला का स्वाद अच्छा होता है?

      कतला फिश बंगाल और बिहार का प्रधान भोजन है। यह रोहू जितनी बड़ी नहीं होती, लेकिन इसका स्वाद अच्छा होता है और यह स्वास्थ्यवर्धक होती है। इसे बनाने के लिए सरसों का तेल का इस्तेमाल करना अच्छा होता है।

      3. रोहू में हड्डियाँ कम होती हैं या कतला फिश में?

      इन दोनों के मुकाबले मृगल में समग्र रूप से सबसे अधिक हड्डियाँ (110) होती हैं, इसके बाद कतला में (108) और रोहू (104) होती हैं।

      4. क्या कतला फिश सेहत के लिए फायदेमंद होती है?

      ज़िंक, पोटेशियम, आयोडीन, विटामिन, सेलेनियम और विटामिन A सहित कई पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड को हमारी त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने और सोरायसिस और एक्ज़िमा जैसी त्वचा की स्थिति को रोकने में सहायक होती है। इसके अलावा, कतला नामक फ्रेशवॉटर फिश से रहूमटॉइड आर्थराइटिस के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

      Toneop के बारे में

      TONEOP एक ऐसा मंच है, जो लक्ष्य-उन्मुख आहार योजनाओं और व्यंजनों की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से आपके अच्छे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बनाए रखने के लिए समर्पित है। यह हमारे उपभोक्ताओं को मूल्य वर्धित सामग्री प्रदान करने का भी इरादा रखता है।

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