भारतीय रसोई में चना दाल का भंडार होता है। यह कई व्यंजनों का आवश्यक घटक है और इसका उपयोग ज़्यादातर तड़का लगाने और मसाला तैयार करने के लिए किया जाता है। इसे बंगाल दाल के रूप में भी जाना जाता है और मुख्य रूप से भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मैक्सिको में इसका उत्पादन किया जाता है।
हालांकि, लोग चना दाल को कई तरह से खाना पसंद करते हैं क्योंकि यह पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं इसके महत्वपूर्ण लाभों में शामिल हैं: हृदय स्वास्थ्य बनाये रखना, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना, आँखों के लिए लाभकारी होना आदि।
तो चलिए ToneOp के इस ब्लॉग के माध्यम से चना दाल और चना दाल नमकीन के बारे में आगे पढ़ते हैं।
1. चना दाल नमकीन के पोषण मूल्य
2. चना दाल नमकीन की व्यंजन विधि
3. चना दाल के स्वास्थ्य लाभ
4. आहार विशेषज्ञ की सलाह
5. निष्कर्ष
6. सामान्य प्रश्न
चना दाल नमकीन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। नमकीन के 1 बड़ा चम्मच (15 ग्राम) में शामिल हैं:
चना दाल नमकीन, कुरकुरा और चटपटा नमकीन है। यह स्वादिष्ट, पौष्टिक और पचने में आसान होता है। आइए इसे बनाने का तरीका जानते हैं:
सामग्री
व्यंजन विधि
1. चना दाल को धोकर छान लें।
2. चना दाल को उबालने के लिए 2.5 कप और 1 छोटा चम्मच नमक डालें।
3. चना दाल को लगभग 35 मिनट के लिए मध्यम-कम उबाल लें। चना दाल सामान्य से थोड़ी नरम होनी चाहिए ताकि बेक करते समय यह ज्यादा सख्त न हो।
4. चना दाल को छान कर बाउल में डालें। मसाले और जैतून का तेल मिलाने के लिए ढक कर टॉस करें।
5. फिर लगभग 15 मिनट तक बेक करें और फिर पैन को खोल कर दाल को एक बार चलायें। फिर हर 10 मिनिट में चेक करें और 20-25 मिनट के आसपास हो जाने के बाद बहार निकाल कर कुछ घंटे ठंडा होने रख दें ताकि नमकीन कुरकुरा हो जाये।
6. चना दाल नमकीन परोसने के लिए तैयार है। इसे एयर-टाइट कंटेनर में स्टोर करें।
सामग्री
व्यंजन विधि
1. चना दाल को धोकर 6-7 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
2. पानी निकालकर 5-10 मिनट के लिए सुखा लें। अब उबाल कर कुरकुरा होने तक बेक करें।
3. एक पैन में थोड़ा सा ओलिव ऑइल तेल गर्म करें और उसमें करी पत्ते और मूंगफली डालें।
4. बेक की हुई चना दाल और सुखी दाल में करी पत्ता और मूंगफली मिला लें।
5. अच्छी तरह मिलाएं, और अब ये परोसने के लिए तैयार है।
यहाँ चना दाल नमकीन के प्राथमिक स्वास्थ्य लाभ सूचीबद्ध किये गए हैं।
चना B विटामिन जैसे B1, B3, B2 और B9 से भरपूर होता है, जो ग्लूकोज को मेटाबोलाइज़ करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, 30 g चना दाल 100 Kcal प्रदान करती है और इसमें मिनरल और विटामिन होते हैं।
चना दाल मधुमेह वाले लोगों के लिए उपयुक्त है क्योंकि इसमें बहुत कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर नहीं बढ़ता है। इसके अलावा, दाल में फाइबर की मात्रा ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। चना दाल में काफी कम कोलेस्ट्रॉल होता है, जिससे यह हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे के प्रबंधन के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
चना दाल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ती है, बिमारियों को दूर रखती है और सूजन को कम करती है। इसके अलावा, चना दाल में मैग्नीशियम की मात्रा ब्लड वेसल्स को आराम देने और हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करती है।
चना दाल सोडियम और पोटैशियम से भरपूर होती है, जो हृदय के कार्य को नियंत्रित करने और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती है। साथ ही, पोटेशियम और सोडियम की मात्रा शरीर में इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित करने में मदद करती है।
चना दाल फाइबर से भरपूर होती है, जो आंतों को सुचारू बनाती है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और पाचन में सुधार करने में मदद करती है।
चना दाल में अच्छी मात्रा में विटामिन A होता है, जो दृष्टि और रतौंधी में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा, चना दाल में ज़िंक एक एन्ज़ाइम पर नियंत्रण रखने में मदद करता है जो विटामिन A के उत्पादन में सहायता करता है।
चना दाल में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं और ज़िंक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इस प्रकार त्वचा को स्वस्थ रखता है और संक्रमण की संभावना को कम करता है।
चना दाल कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है और उच्च फाइबर और प्रोटीन के कारण वज़न कम करने के इच्छुक लोगों के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है। फिर भी, अगर मैं गर्भवती महिलाओं के बारे में बात करुँ, तो चना दाल उनके लिए वरदान है क्योंकि इसमें फोलिक एसिड होता है, जो बच्चे में जन्मजात अक्षमताओं के परिवर्तनों को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, फोलिक एसिड RBC के निर्माण में सहायता करता है, जो बच्चे के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।
जैसा कि कई डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं, चना भी गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड का एक बड़ा स्रोत है। नमकीन के अलावा, हम चना दाल का उपयोग पराठा, कटलेट, ढोकला और कई अन्य व्यंजन बनाने के लिए कर सकते हैं।
-डाइटीशियन अक्षता गांडेविकर
चना दाल नमकीन भारत के लोगों के लिए एक अच्छा नाश्ता है और बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। लोग इस नमकीन को प्याज और टमाटर की टॉपिंग के साथ खाना भी पसंद करते हैं, जो एक बेहतरीन सलाद के रूप में बन जाता है और गर्मियों के दिनों में लोग इसे खट्टा स्वाद देने के लिए कच्चे आम डालकर खाना पसंद करते हैं। लेकिन नमकीन का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करें।
1. चना दाल का सेवन कितने प्रकार से किया जा सकता है?
चना दाल का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, तले हुए रूप में, भाप में पके हुए, पूरन पोली, पराठा आदि बनाकर।
2. क्या चना दाल सेहत के लिए अच्छी है?
जी हाँ, चना दाल को फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर प्राचीन दालों में से एक माना जाता है और यह समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती है।
3. क्या चना दाल से कब्ज़ होता है?
कुछ लोगों के लिए यह कब्ज़ का कारण बन जाती है, लेकिन चना दाल फाइबर से भरपूर होती है जो ज़्यादातर लोगों में कब्ज़ की संभावना को खत्म कर देती है।
4. चना दाल नमकीन का स्वाद कैसा लगता है?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन से मसाले डाले हैं, उदाहरण के लिए, यदि आप अमचूर और लाल मिर्च पाउडर मिलाते हैं, तो इसका स्वाद हल्का खट्ठा और तीखा होगा।
5. क्या चना दाल के कोई दुष्प्रभाव हैं?
नहीं, चना दाल के कोई दुष्प्रभाव नहीं है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस्ट्रिक अशांति पैदा हो सकती है।
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