आंवला नाम संस्कृत शब्द "मेराकी" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "जीवन अमृत"।
आंवला, जिसे भारतीय आंवला या एम्ब्लिका के रूप में भी जाना जाता है, यह पोषक तत्वों और औषधीय लाभों का खजाना है। प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में आंवला के फल का उल्लेख किया गया है।
आंवला फल कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल, डाइट फाइबर, फोलेट, नियासिन (niacin), थियामिन (thiamin), पैंटोथेनिक (pantothenic) एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी, पाइरिडोक्सिन (pyridoxine), राइबोफ्लेविन (riboflavin), सोडियम, कैल्शियम, पोटेशियम, कॉपर, ज़िंक, फास्फोरस, मैंगनीज मैग्नीशियम, और आयरन से भरपूर होता है।
सौ ग्राम कच्चे आंवले में 300 मिलीग्राम विटामिन सी होता है। वहीं एक नींबू में प्रति 100 ग्राम में 77 मिलीग्राम विटामिन सी होता है। आंवला संतरे की तुलना में अधिक विटामिन सी प्रदान करता है।
मधुमेह से बचने में मदद के लिए आंवले के रस को हल्दी के साथ दिन में दो बार लिया जा सकता है। यह एक कम चीनी, हाई फाइबर वाला फल है जो मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभदायी है। आंवला इंसुलिन सेक्रेशन को भी बढ़ाता है और मधुमेह रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।
आंवला स्वाद रिसेप्टर्स(receptors) को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं। यह एक फाइबर युक्त फल है जो पाचन तंत्र को मजबूत करके शरीर को भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित(absorb) करने में मदद करता है। यह कब्ज को रोकने वाले ठन्डे औसदिय प्रभावों के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को साफ रखने में मदद करता है।
आंवला के ऑक्सीडेटिव रेडिएशन एक्टिविटी कैपेसिटी (ORAC), जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाले नुकसान से बचाती है, शरीर के भीतर ट्यूमर सेल के विकास को रोकती है। हाई एंटीऑक्सीडेंट सामग्री पेट, त्वचा और लीवर में कैंसर कोशिका को बढ़ने से रोकती है।
आंवला जूस मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, जिससे फैट लॉस होता है। फैट घटाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए वर्कआउट से पहले आंवले के रस का उपयोग किया जा सकता है।
आंवला में एंटीवायरल प्रभाव होता है और यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाता है। अदरक और शहद के साथ मिलाकर यह गले की खराश और जुखाम ठीक करने में मदद करता है।
तनावग्रस्त? हमारे पास आपके लिए अचूक उपाय है। तनाव का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। आंवला तनाव दूर करने वाले रसायनों का उत्पादन कर तनाव दूर करता है।
नींद न आना हर दूसरे व्यक्ति की प्रमुख चिंताओं में से एक है। सिर दर्द होने पर और चैन की नींद के लिए आंवला के तेल से अपने बालों और सिर की त्वचा में मालिश करें।
सांस की बढ़ती समस्या से बहुत से लोग परेशान हैं। आंवला अस्थमा, लगातार खांसी, टीबी और छाती में जमाव में मदद कर सकता है। विटामिन सी की उपस्थिति के कारण स्वांस संबंधी समस्याओं पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
यह शरीर के डिफेन्स सिस्टम को प्रोत्साहित करता है जिससे यह संक्रमण का इलाज करता है। यह अपने जीवाणुरोधी गुणों के कारण बैक्टीरिया, वायरल और फंगल संक्रमण को रोक सकता है।
आंवला का अर्क कमज़ोर हड्डियों का कारण बनने वाली कोशिकाओं की गतिविधि को कम करने के लिए लाभदायी है। विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों के अनुसार, इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है, जो हड्डियों के निर्माण में मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार आंवला रिप्रोडक्शन टिश्यू सहित सभी सात टिश्यू को बढ़ाता है। यह पुरुषों में शुक्राणु(sperm) की गुणवत्ता को बढ़ाके बांझपन के उपचार में सहायता करता है।
नियमित रूप से सेवन करने पर आंवला एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाता है। यह तंत्रिका कोशिकाओं(nerve cells) को रेडिकल डैमेज से होने वाले नुकसान से बचाने के साथ-साथ रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन परिवहन को सुगम बनाकर तंत्रिका स्वास्थ्य(nerve health) में सुधार करता है, जिससे डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों को रोका जा सकता है।
यदि नियमित रूप से सेवन किया जाए तो आंवला पाउडर का सेवन पित्ताशय की पथरी को बनने से रोकने में प्रभावी हो सकता है।
आंवला में विभिन्न पोषक तत्व होते हैं जो हृदय की रुकावट को रोकने में सहायता करते हैं। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है। यह स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को बढ़ावा देता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखता है।
अपने मुंह को कुल्ला करने के लिए आंवला पाउडर का उपयोग करने से मुंह के छाले ठीक हो सकते हैं क्योंकि इसमें विभिन्न चिकित्सीय विशेषताएं हैं।
पीलिया ठीक करने के लिए आंवला सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। इसमें विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व लीवर के कार्य को बढ़ावा देते हैं और बिलीरुबिन(Bilirubin) के स्वस्थ स्तर को बनाए रखते हैं। इसके रस को खाली पेट पीने या चुटकी भर काला नमक मिलाकर खाने से पीलिया ठीक हो जाता है।
आंवला में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया के रोगियों में हड्डियों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
यह आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट के साथ रक्त को फिल्टर करता है। आंवला जूस से शरीर के हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार आता है।
आंवला को किसी भी रूप में नियमित लेने से खनिज और विटामिन की पूर्ति होती है, जिस कारण मासिक धर्म की ऐंठन से राहत मिलती है।
आंवला कई तरह की बीमारियों के अंतर्निहित कारणों को खत्म करने में अद्भुत काम करता है। इसके चिकित्सीय गुण आयरन, विटामिन सी और कैल्शियम की उपस्थिति के कारण, इसे प्राचीन काल से दवाओं की तैयारी में नियोजित किया गया है।
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