अर्का मिल्लेट्स के लाभ और व्यंजन विधियाँ
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Published on: 29-Aug-2022
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Akanksha Dubey
अर्का मिल्लेट्स के लाभ और व्यंजन विधियाँ
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3000 साल पहले से भारत की घरेलु फसल, अर्का मिल्लेट्स अपने फाइबर के गुणों के लिए जाना जाता है। इसे अर्कामिल्लेट्स के रूप में भी जाना जाता है और मुख्य रूप से इसे दक्षिण भारत (तमिलनाडु और केरल) और उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश) के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है।
इसे आप चावल की जगह भी ले सकते हैं। मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत अच्छा होता है और वज़न घटाने में सहायक होता है। इसके अलावा, अर्कामिल्लेट्स पचाने में आसान होते हैं और इसमें एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स होते हैं।
विषयसूची
1. अर्का मिल्लेट्स के पोषण मूल्य
2. अर्का मिल्लेट्स के स्वास्थ्य लाभ
3. अर्का मिल्लेट्स की रेसिपी
4. निष्कर्ष
5. सामान्य प्रश्न
अर्का मिल्लेट्स के पोषण मूल्य
100 ग्राम अर्का मिल्लेट्स के पोषण मूल्य हैं:
आयरन - 1.7 ग्राम
कैलोरी - 353 किलो कैलोरी
कार्ब्स - 66.6 ग्राम
प्रोटीन - 9.8 ग्राम
फैट - 3.6 ग्राम
फाइबर - 5.3 ग्राम
कैल्शियम - 35 मिलीग्राम
अर्का मिल्लेट्स के स्वास्थ्य लाभ
यहाँ अर्का मिल्लेट्स के कुछ स्वास्थ्य लाभ दिए गए हैं:
1. मधुमेह के लिए लाभदायक
अर्का मिल्लेट्स फाइबर से भरपूर होते हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। चावल के बदले अर्का मिल्लेट्स खाना मधुमेह वाले लोगों के लिए उपयुक्त माना जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, "पूरे अर्कामिल्लेट्स स्टार्च का अनुमानित ग्लाइसेमिक इंडेक्स (AGI) चावल के स्टार्च की तुलना में कम है।"
2. वज़न घटाने में मदद करते हैं
अरका मिल्लेट्स में प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है जो मांसपेशियों के निर्माण और फैट के जमाव को कम करने में मदद करता है। इसलिए यह वज़न घटाने में मदद करते है। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने भोजन मे अर्कामिल्लेट्स खाना शुरू किया है, उनके शरीर में वज़न और फैट काफी कम हुआ है।
3. ब्लड कोलेस्ट्रॉल को प्रबंधित करते हैं
अर्का मिल्लेट्स और अन्य मिल्लेट्स में फैट कम होता है, जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करते हैं।
4. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
अर्का मिल्लेट्स में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं और मस्तिष्क में ऑक्सीडेट तनाव को कम करते हैं। इनमें पॉलीफेनोल्स भी होते हैं जो याददास्त, नींद और डिप्रेशन की संभावना को कम करते हैं।
5. पाचन क्रिया में सुधार करे
यह ग्लूटन फ्री होते हैं और इनमे फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो कब्ज़ को प्रबंधित करने और पाचन सुधार में मदद करती है। इसके अलावा, शोध से पता चलता है कि हाई फाइबर फ़ूड खाने से बवासीर के लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
अर्का मिल्लेट्स रेसिपी
1. अर्का मिल्लेट्स और खजूर की खीर
सामग्री
कटे हुए खजूर - 7-8 टुकड़े
अर्का मिल्लेट्स -¼ कप
दूध - 2 कप
कटे हुए मेवे - 1 बड़ा चम्मच
इलायची पाउडर - 1 छोटा चम्मच
घी - 1 बड़ा चम्मच
गुड़ पाउडर स्वादानुसार
बनाने की विधि
1. कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये।
2. दूध डालें और गर्म होने दें।
3. इसमें अर्का मिल्लेट्स डालें और दूध को तब तक उबलने दें जब तक कि मिल्लेट्स ठीक से पक न जाए।
4. जब आपको लगे कि दूध गाढ़ा हो रहा है तो इसमें कटे हुए खजूर और इलाइची पाउडर डाल दीजिए.
5. खीर को पकने दें और कटे हुए मेवा डालें।
6. थोड़ा ठंडा होने के बाद सर्व करें।
2. अर्का मिल्लेट्स बीसी बेले भात
बीसी बेले भात पाउडर के लिए सामग्री
चना दाल - 1 छोटा चम्मच
उड़द की दाल - 1 छोटा चम्मच
सूखी मिर्च - 2-3
जीरा - 1 छोटा चम्मच
लौंग - 2-3
मेथी दाना - 1 चुटकी
दालचीनी स्टिक - 1 इंच
सूखा किसा हुआ नारियल - 1 बड़ा चम्मच
धनिये के बीज - 1 छोटा चम्मच
बीसी बेले भात के लिए सामग्री
तुअर दाल - 200 ग्राम
अर्का मिल्लेट्स - 30 ग्राम
गुड़ का पाउडर - 1 और ½ छोटा चम्मच
इमली - 2-3 इमली
घी - 1 चम्मच
प्याज कटा हुआ - 1 मध्यम
कटी हुई सब्ज़ियाँ(अपनी पसंद के अनुसार)
तड़के के लिए सामग्री
करी पत्ता - 4-5 पत्ते
घी - ½ छोटा चम्मच
हिंग - छोटा चम्मच
सरसों के बीज - ½ छोटा चम्मच
काजू - 3-4 काजू
बनाने की विधि
1. ऊपर बताई गई सामग्री को बिसी बेले भात के पाउडर में सूखा भून लें और ठंडा होने दें।
2. अरहर दाल और अर्का मिल्लेट्स को धोकर 2 कप पानी में भिगो दें।
3. इन्हें प्रेशर कुकर में पकाएं।
4. इमली को पानी में भिगोकर इमली का पानी बना लें, फिर इस बिसी बेले भात पाउडर और नमक को गुड़ के साथ मिला लें।
5. एक छोटे पैन में घी डालें और कटी हुई सब्जियां और प्याज़ को पकाएं।
6. इमली और बीसी बेले भात पाउडर डालें, सब्जियों में मिलाएँ और 3 से 4 मिनट तक पकने दें।
7. इस मिश्रण में पकी हुई अर्का मिल्लेट्स और तुअर दाल डालकर अच्छी तरह मिला लें।
8. तड़का लगाने के लिए एक प्याला गरम करें और उसमें घी और तड़के की सारी सामग्री डालें।
9. राई को चटकने दें, उसके बाद पकी हुई बिसी बेले भात पर डालें और गरमागरम परोसें।
निष्कर्ष
अर्का (कोडो) मिल्लेट्स विश्व स्तर पर खाया जाता है क्योंकि अर्का मिल्लेट्स को पोषण संबंधी लाभों के कारण एक सुपरफूड माना जाता है। अर्का मिल्लेट्स में डाइटरी फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और प्रोटीन होते हैं जो पाचन संबंधी कई समस्याओं को कम करते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, चावल की तुलना में उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे वे चावल के लिए अच्छे विकल्प माने जाते हैं।
सामान्य प्रश्न
1. क्या गर्भवती महिलाएं अर्का मिल्लेट्स खा सकती हैं?
चूंकि अर्का मिल्लेट्स गर्मी पैदा करने वाला होता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसे खाने से बचने की सलाह दी जाती है।
2. क्या व्रत के दौरान अर्का मिल्लेट्स का सेवन करना चाहिए?
हां, उपवास के दौरान इसका सेवन किया जा सकता है क्योंकि इसे अनाज नहीं माना जाता।
3. अर्का मिल्लेट्स कैसे दिखते हैं?
अर्का मिल्लेट्स का आकार छोटे गोल बीज की तरह होता है जो भूरे रंग के होते हैं।
4. क्या क्विनोआ और अर्का मिल्लेट्स एक ही है?
नहीं, दोनों अलग अलग होते हैं। हालांकि, अर्का मिल्लेट्स की तुलना में क्विनोआ में हाई प्रोटीन कंटेंट के अलावा, इनमे पोषण सामग्री लगभग समान है।
5. क्या अर्का मिल्लेट्स वज़न घटाने के लिए अच्छा है?
निश्चित रूप से, अर्का मिल्लेट्स में अच्छी मात्रा में फाइबर, प्रोटीन और काफी कम फैट की मात्रा होती है जो इसे वज़न घटाने के दौरान खाने का एक अच्छा विकल्प बनाती है।
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