काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभ



काली मिर्च का उपयोग खाना पकाने और विभिन्न सेवइयों और मिठाइयों को सजाने के लिए किया जाता है। काली मिर्च की उत्पत्ति केरल-दक्षिण भारत के एक राज्य से हुई है।
मिर्च के दोनों प्रकार काली और सफेद में कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। काली मिर्च, हालांकि स्वाद में तीखी होती है, आपके पाचन को मज़बूत करती है और आंतों के मार्ग में बैक्टीरिया के विकास को खत्म करने में मदद करती है।
विषयसूची
1. काली मिर्च की उत्पत्ति और वैज्ञानिक विशेषताएँ
2. काली मिर्च के पौषणिक मूल्य
3. काली मिर्च के पाक उपयोग
4. काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभ
5. आहार विशेषज्ञ की सलाह
6. निष्कर्ष
7. सामान्य प्रश्न
काली मिर्च की उत्पत्ति और वैज्ञानिक विशेषताएँ
काली मिर्च शब्द संस्कृत के शब्द पिप्पली से लिया गया है, जिसे काला सोना माना जाता था। काली मिर्च का इस्तेमाल भारतीय खाना पकाने में 4000 सालों से किया जा रहा है। काली मिर्च अपने स्वाद बढ़ाने वाले गुणों के अलावा कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। पाइपर नाइग्रम (काली मिर्च के पौधे का वानस्पतिक नाम) दक्षिण पश्चिम भारत के मालाबार तट में केरल, गोवा और कर्नाटक के ट्रॉपिकल जंगलों का पायी जाते हैं।
यह पौधा हरे फूलों के स्पाइक्स और छोटे, गहरे रंग के फल पैदा करता है जिन्हें पेपरकॉर्न कहा जाता है जिन्हें सुखाकर मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। लगभग पकी हुई काली मिर्च को तब तक तोड़ा और सुखाया जाता है जब तक कि काली मिर्च काली न हो जाए। काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन, विटामिन B12 और सेलेनियम के अवशोषण को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
दोनों प्रकार की(काली और सफेद) दोनों में अपार स्वास्थ्य लाभ हैं और पाक उपयोग हैं। वियतनाम, भारत, ब्राज़ील और इंडोनेशिया जैसे देश बड़ी मात्रा में काली मिर्च का सेवन करते हैं।
काली मिर्च के पौषणिक मूल्य
काली मिर्च एंटीऑक्सिडेंट और मैंगनीज से भरपूर एक सुपरफूड है, जो आपकी हड्डियों और मेटाबॉलिज़्म को मज़बूत करती है। इस सुगंधित मसाले में विभिन्न प्रकार के सक्रिय यौगिक होते हैं, विशेष रूप से ओलियोरेसिन और अल्कलॉइड जैसे पिपेरिन और चाविसीन। इसमें फ्लेवोनोइड्स, आवश्यक तेल और अन्य फेनोलिक कंपाउंड भी होते हैं जो सेल्स की रक्षा करने और पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं।
काली मिर्च विटामिन C, विटामिन K, विटामिन A, थायमिन (B1), राइबोफ्लेविन (B2), विटामिन B6, कॉपर, आयरन और कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सेलेनियम और ज़िंक जैसे कई विटामिन और मिनरल्स का भी एक उत्कृष्ट स्रोत है।
लगभग 100 ग्राम काली मिर्च में होता है:
- कैलोरी - 304 Kcal
- प्रोटीन - 11.5 g
- कार्बोहाइड्रेट - 49.2 g
- डाइटरी फाइबर - 35.3 g
- फैट - 6.8 g
- कैल्शियम - 460 mg
- आयरन - 12.4 mg
- मैग्नीशियम - 171 mg
- फास्फोरस - 198 mg
- पोटेशियम - 1.4 g
- सोडियम - 20 mg
- ज़िंक - 1.31 mg
- कॉपर - 1.4 mg
- मैंगनीज़ - 4.14 mg
काली मिर्च के पाक उपयोग
काली मिर्च का प्रयोग कई व्यंजनों में स्वाद और तीखापन लाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग भारतीय व्यंजनों में कच्चे रूप में किया जाता है। मांस, मछली, सब्ज़ियाँ, सलाद ड्रेसिंग, सूप, फ्राइज़, चाउमीन और पास्ता जैसे व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए काली मिर्च एक बहुमुखी सामग्री है।
- तीखेपन के लिए इसका उपयोग मीठे और नमकीन व्यंजन जैसे फ्रूट केक, ब्रेड और टार्ट्स में किया जाता है।
- पनीर, टोफू, चिकन, मछली और मांस को मैरीनेट करने के लिए अन्य मसालों और सीज़निंग के साथ काली मिर्च का उपयोग किया जाता है।
- आप ऑमलेट और नमकीन पैनकेक में कुछ पिसी हुई काली मिर्च मिला सकते हैं।
- इसे कटे हुए फलों पर गर्निश करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- खांसी और सर्दी से राहत पाने के लिए काढ़े जैसी हर्बल टी में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभ
काली मिर्च आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है जिससे आप शायद अनजान होंगे:
1. कैंसर से बचाव
काली मिर्च को हल्दी वाले दूध में मिलाकर सेवन करने से कैंसर से बचाव होता है। यह सामान्य सर्दी का भी इलाज करती है और इसमें एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन ए और कैरोटीनॉयड होते हैं जो कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
2. सूजन-रोधी गुण
कैंसर, अस्थमा और मधुमेह जैसी कई पुरानी बीमारियों के लिए, सूजन अंतर्निहित समस्या है। हालांकि, एक अध्ययन के अनुसार, काली मिर्च में एक रासायनिक यौगिक पिपेरिन प्रभावी ढंग से सूजन से लड़ता है।
3. आपके मस्तिष्क को लाभ पहुंचा सकती है
काली मिर्च में प्राथमिक घटक पिपेरिन में मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ाने वाले गुण होते हैं और यह डिप्रेशन को कम करने और याददाश्त बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
4. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है
एंटीऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर, काली मिर्च हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती है। इसके अलावा, काली मिर्च में कैप्साइसिन होता है जो ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जाना जाता है।
5. भूख कम करती है
काली मिर्च में पिपेरिन होता है, जो मेटाबॉलिक परफॉर्मेंस को बढ़ाता है और फैट जमा होने से रोकता है। इस मसाले को ग्रीन टी में मिलाया जा सकता है, जो वज़न कम करने में मदद करता है। इसे अपने आहार में भी शामिल किया जा सकता है।
6. त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करती है
इसमें ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा की पिगमेंटेशन को कम करते हैं और त्वचा के मूल रंग को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से झुर्रियां और फाइन लाइन्स भी कम होती हैं। अगर आपको मुंहासे होने की संभावना है, तो अपने आहार में काली मिर्च को शामिल करें।
7. आंत के स्वास्थ्य को बढ़ाती है
काली मिर्च आपके पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड छोड़ती है, जो पाचन में मदद करता है। इसलिए अपने आहार में थोड़ी सी काली मिर्च आपके भोजन को तेज़ी से पचाने में आपकी मदद करेगी। इसके अलावा, हाइड्रोक्लोरिक एसिड आपकी आंत को साफ रखने और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का समाधान करने के लिए जाना जाता है।
8. डिप्रेशन को दूर रखती है
काली मिर्च दिमाग की कार्यप्रणाली में मदद करती है और डिप्रेशन जैसे लक्षणों को कम करती है। इसके अलावा, काली मिर्च में एक कंपाउंड पिपेरिन, आपके मस्तिष्क को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने और संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए जाना जाता है।
9. शरीर को डिटॉक्स करती है
काली मिर्च का सेवन करने से आपको अधिक पसीना और पेशाब आ सकती है, जो शरीर के विषाक्त पदार्थों को डिटॉक्स करती है, जिससे आपकी आंत साफ हो जाती है।
10. दिमाग के लिए बेहतरीन होती है
काली मिर्च में दिमाग तेज़ करने वाले गुण होते हैं। यह अल्ज़ाइमर डिसीज़ को दूर रखती है। यह मस्तिष्क को ठीक से काम करने में मदद करने और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में चमत्कार कर सकती है।
आहार विशेषज्ञ की सलाह
आहार विशेषज्ञ के रूप में, मैं आपको अपने आहार में काली मिर्च को शामिल करने की सलाह देती हूँ, क्योंकि इसके असंख्य स्वास्थ्य लाभ हैं। इसे आपके पसंदीदा व्यंजन, सूप और सलाद में भी डाला जा सकता है।
इसका उपयोग हर्बल टी बनाने में भी किया जाता है, जो सामान्य सर्दी और खांसी से बचाव करती है। इसके अलावा, सुबह काली मिर्च के पानी का सेवन वज़न घटाने में मदद कर सकता है, मेटाबॉलिज़्म को बढ़ा सकता है।
-आहार विशेषज्ञ श्रुति नायडू
निष्कर्ष
काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो न केवल व्यंजनों में सुगंध जोड़ता है, बल्कि इसके शक्तिशाली स्वास्थ्य लाभों जैसे वज़न घटाने, डिप्रेशन का इलाज करने, पाचन को बढ़ाने, आपके शरीर को डिटॉक्सिफाई करने आदि के कारण इसे मसालों का राजा भी माना जाता है। हालांकि, इसका बहुत अधिक सेवन करना आपका पेट भी खराब कर सकता है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करना जरूरी है।
सामान्य प्रश्न
1. क्या काली मिर्च के अधिक मात्रा में सेवन करने के कोई दुष्प्रभाव हैं?
काली मिर्च के ऐसे कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं। हालांकि, अधिक में सेवन करने से आपको जलन महसूस हो सकती है। इसके अलावा, इस तरह के कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं।
2. काली मिर्च के सेवन से किन स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है?
पाचन, विटिलिगो, अस्थमा, गठिया, जोड़ों के दर्द आदि जैसे स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को छोटी उम्र से काली मिर्च का सेवन करके ठीक किया जा सकता है या रोका जा सकता है।
3. आप रोज़ाना काली मिर्च का सेवन कैसे करते हैं?
भारतीय घरों में चाय के मसाले में नियमित रूप से काली मिर्च डाली जाती है या फिर आप सलाद या सब्ज़ी में एक चुटकी काली मिर्च डाल सकते हैं।
4. क्या मैं काली मिर्च उबाल सकता हूँ?
जी हाँ, स्वाद बढ़ाने के लिए आप काली मिर्च को पानी या दूध में उबाल सकते हैं।
5. रोजाना कितनी मात्रा में काली मिर्च डालनी चाहिए?
पचने पर एक दिन में 1-2 छोटे चम्मच तक सेवन सीमित करें, या अपनी सुविधा के अनुसार 1-2 चुटकी डालें, लेकिन दिन में 1-2 छोटे चम्मच से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए।
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