हेल्दी एजिंग: बेहतर स्वास्थ्य के लिए तनाव और चिंता को कम कैसे करें?
Hindi
Published on: 16-Nov-2023
10 min read
Updated on : 30-Nov-2023
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Akriti Tiwary
हेल्दी एजिंग: बेहतर स्वास्थ्य के लिए तनाव और चिंता को कम कैसे करें?
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क्या आपने कभी सोचा है कि वृद्ध लोगों में सोचने की क्षमता क्यों कम हो जाती है? खैर, तनाव और चिंता का स्तर स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, वित्तीय चिंताएं और जीवन में अन्य बदलावों जैसे विभिन्न कारणों से तनाव और चिंता का अनुभव होना आम बात है। हालांकि, इससे बचने और अच्छे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए तनाव और चिंता का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए तनाव प्रबंधन उन्हें आराम करने और स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। ये उन्हें कई बीमारियों से दूर रख सकता है। तनाव और चिंता को कम करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार, इम्यूनिटी में बढ़ावा और हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज़ जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
इस संबंध में, स्वस्थ उम्र बढ़ने के सुझावों को अपनाने से तनाव और चिंता को प्रभावी ढंग से कम और बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा सकता है। हमने उम्र बढ़ने के लिए कुछ स्वस्थ युक्तियाँ प्रदान की हैं, इसलिए उन्हें जानने के लिए आगे पढ़ें!
विषयसूची
1. बुज़ुर्गों के लिए तनाव और चिंता प्रबंधन टिप्स
2. बुजुर्गों में तनाव और चिंता प्रबंधन के लिए आहार
3. आहार विशेषज्ञ की सलाह
4. निष्कर्ष
5. सामान्य प्रश्न
बुज़ुर्गों के लिए तनाव और चिंता प्रबंधन टिप्स
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा शरीर तनाव के प्रति ज़्यादा संवेदनशील हो जाता है, जिससे तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। यहीं पर हमें स्वस्थ उम्र बढ़ने के सुझावों की आवश्यकता होती है। तनाव वरिष्ठ नागरिकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जैसे डिप्रेशन, चिंता, हृदय रोग और संज्ञानात्मक गिरावट का खतरा बढ़ जाता है। यहां वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ तनाव प्रबंधन रणनीतियाँ दी गई है:
1. व्यायाम करें
व्यायाम हेल्दी एजिंग के लिए एक स्वस्थ सुझाव है। तनाव और चिंता को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करना बेहद आवश्यक है। यह एंडोर्फिन जारी करता है जो स्वभाव में सुधार करता है और तनाव के स्तर को कम करता है। वृद्ध लोग पैदल चलना, स्विमिंग या योग जैसी शारीरिक गतिविधि अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
2. रिलैक्सेशन तकनीक
वृद्ध व्यक्तियों के लिए रिलैक्सेशन तकनीक महत्वपूर्ण हो सकती हैं। डीप ब्रीथिंग और माइंडफुलनेस जैसी तकनीक स्थायी शांति और आत्म-संयम का सामर्थ्य प्रदान कर सकती हैं। जर्नलिंग और योगाभ्यास भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। चिकित्सक से सलाह लेना सुरक्षित है, और ये तकनीक सकारात्मक रूप से आत्म-देखभाल में मदद कर सकती हैं।
3. सोशल सपोर्ट
तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए और साथ ही हेल्दी एजिंग को बढ़ाने के लिए सोशल सपोर्ट बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आप सोशल ग्रुप्स या सोशल क्लब्स से जुड़ सकते हैं।
4. टाइम मैनेजमेंट
वरिष्ठ नागरिक गतिविधियों की योजना बनाकर और उन्हें प्राथमिकता देकर एक लक्ष्य निर्धारित करके तनाव का प्रबंधन कर सकते हैं।
5. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
तनाव का अनुभव करने वाले वरिष्ठ लोग कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। दरअसल इस थेरेपी में तनाव और चिंता में योगदान देने वाले खराब/नकारात्मक विचारों और व्यवहारों की पहचान करना एवं उन्हें सही ढंग से नियंत्रित करना सिखाया जाता है।
6. सेल्फ केयर
स्ट्रेस और तनाव को कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका सेल्फ-केयर है। इसमें आप अपनी पसंद की चीज़े कर सकते हैं। वृद्ध लोग इस दौरान बुक पढ़ना, खाना बनाना, गाने गुनगुनाना, आदि चीज़े अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, तनाव से निपटना हेल्दी एजिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वरिष्ठ नागरिक शारीरिक और मानसिक विकास और अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बताये गए तनाव प्रबंधन रणनीतियों को अपना सकते हैं।
बुजुर्गों में तनाव और चिंता प्रबंधन के लिए आहार
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती हैं, हमारा शरीर और दिमाग तनाव के नकारात्मक परिणामों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। तनाव से निपटने और समग्र फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार पर ध्यान देना आवश्यक है। यहां कुछ आहार संबंधी सुझाव दिए गए हैं जो वृद्ध लोगों में तनाव और चिंता को प्रबंधित करने में सहायता कर सकते हैं।
1. कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट शामिल करें
होल ग्रेन, फलियां, फल और सब्जियों में काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं और धीरे-धीरे एनर्जी रिलीज़ करते हैं, जिससे निरंतर ऊर्जा आपूर्ति मिलती है। वे सेरोटोनिन को भी उत्तेजित करते हैं। सेरोटोनिन एक केमिकल है जो तनाव के स्तर को समायोजित करने में मदद करता है। इसलिए आप अपने भोजन में इन्हे जरूर शामिल करें।
2. ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन बढ़ाएं
ओमेगा-3 फैटी एसिड फैट युक्त मछली, जैसे सैल्मन, ट्यूना, मैकेरल, अखरोट, फ्लैक्स सीड्स, और चिया सीड्स में पाए जाते हैं। ये फैटी एसिड अत्यधिक फायदेमंद होते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ को शामिल करने से आप संक्रमण और तनाव के खतरे को कम कर सकते है।
3. पर्याप्त प्रोटीन का सेवन करें
प्रोटीन हमारे शरीर में डैमेज टिशू और सेल्स के मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमारे मूड और ऊर्जा के स्तर को प्रबंधित करने में भी मदद करता है। आप लीन मीट, पोल्ट्री, मछली, फलियां और डेयरी उत्पादों से प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं।
4. कैफीन और अल्कोहल सीमित करें
कैफीन और अल्कोहल तनाव और चिंता की भावनाओं को बढ़ा सकते हैं और नींद के पैटर्न को बाधित कर सकते हैं। कैफीन का सेवन सीमित करने और शराब से बचने का सुझाव दिया जाता है।
5. हाइड्रेटेड रहें
डिहाइड्रेशन से थकान हो सकती है और तनाव का स्तर बढ़ सकता है। हाइड्रेटेड रहने के लिए पूरे दिन पर्याप्त पानी पीना ज़रूरी है। इससे आपकी एनर्जी बरक़रार रहेगी और आप संतुष्ट भी महसूस करेंगे।
आहार विशेषज्ञ की सलाह
अच्छा शरीर और मानसिक स्वास्थ्य संतुलित जीवन के लक्षण हैं। जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है, अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना बहुत कठिन हो जाता है। आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक काम करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि तनाव और चिंता समग्र फिटनेस पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता हैं। ये हृदय संबंधी विकारों, डायबिटीज़ और कॉग्निटिव हेल्थ ख़राब होने के खतरे को भी ट्रिगर करते हैं।
एक पौष्टिक, संतुलित आहार कुछ बीमारियों के खतरे को रोकने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, ध्यान, गहरी सांस लेना, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम स्वस्थ जीवन शैली के लिए महत्वपूर्ण हैं।
-डाइटिशियन अदिति उपाध्याय
निष्कर्ष
अब हम तनाव और चिंता के बुरे प्रभाव से अवगत हैं। सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में, हमारा शरीर तनाव और चिंता के नकारात्मक प्रभाव से संपर्क में आता है। तनाव मुख्य रूप से हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है और इसके परिणामस्वरूप हृदय संबंधी समस्याएं, डिप्रेशन, डायबिटीज़ और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।
वृद्ध लोगों में यह तनाव और चिंता एक गंभीर स्थिति बन जाती है। कुछ अभ्यास, जैसे नियमित व्यायाम, गहरी साँस लेना, ध्यान करना और स्वस्थ और संतुलित आहार हेल्दी एजिंग का समर्थन कर सकते हैं। आप अपनी स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए बताये गए सुझावों का पालन कर सकते हैं।
सामान्य प्रश्न
1. बुज़ुर्गों में तनाव और चिंता के कुछ सामान्य लक्षण क्या हैं?
बुज़ुर्गों में तनाव के कुछ सामान्य लक्षण है:
चिड़चिड़ापन
सोने में दिक्कत होना
थकान
बढ़ी हुई हार्ट बीट
मांसपेशियों में तनाव
कब्ज़ की शिकायत।
2. क्या तनाव और चिंता बुज़ुर्गों में बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं?
हाँ तनाव और चिंता विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों का प्रमुख कारण है। अधिक तनाव और चिंता के कारण निम्नलिखित बिमारियों का खतरा बढ़ सकता है:
डिप्रेशन
डायबिटीज़
दिल की बीमारी
कॉग्निटिव डिक्लाइन
3. बुज़ुर्गों के लिए तनाव और चिंता को प्रबंधित करने के लिए कितनी शारीरिक गतिविधि अच्छी है?
तनाव और चिंता जैसी समस्याओं से निपटने के लिए कम से कम 20 मिनट रोज़ाना मध्यम तीव्रता वाली गतिविधियां करने की सलाह दी जाती है जैसे कि:
तेज़ी से चलना
साइकिल चलाना
4. कौन सी तकनीक बुज़ुर्गों में तनाव और चिंता को कम करती है?
तनाव और चिंता को कम करने वाली कुछ तकनीक है:
ध्यान लगाना
गहरी सांस लेना
प्रगतिशील मांसपेशी विश्राम
योग करना
5. बुज़ुर्गों में तनाव और चिंता को प्रबंधित करने के लिए किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?
हालांकि ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिसे टाला जाना चाहिए लेकिन कैफीन और अल्कोहल के सेवन को सीमित करने की सलाह दी जाती है। ये चिंता की भावनाओं को बढ़ा सकते हैं और नींद की शैली को बाधित कर सकते हैं।
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