8 हॉर्मोन जिनके इंबैलेंसेज़ से होता है PCOS: जानें PCOS के लक्षण!



पीरियड महिलाओं के जीवन का महत्वपूर्ण भाग हैं। हर माह महिलाएं पीरियड से होने वाले दर्द से जूझती हैं। लेकिन जब ये पीरियड एक भी माह या कुछ दिन भी यदि ये पीरियड्स लेट हो जाएं या डेट्स मिस हो जाएं तो कितना स्ट्रेस होता है ये आप जानती ही होंगी। ये हॉर्मोनल डिसबैलेंस के कारण हो सकता है। यह एक कॉम्प्लेक्स एंडोक्राइन डिसऑर्डर, पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के कारण हो सकता है।
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) में होने वाले हॉर्मोनल इंबैलेंस के कारण महिलाओं की रिप्रोडक्टिव एज में प्रभाव पड़ता है। इस असंतुलन में एंड्रोजन (मेल हॉर्मोन) के स्तर, इंसुलिन रेजिस्टेंस और एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के अनुपात में भंग पड़ना शामिल हैं। यह पीसीओएस हॉर्मोनल बदलाव अनियमित पीरियड, गंभीर मुंहासे, बाल झड़ने की समस्या, वज़न बढ़ना और पुरुषों की तरह गंजे होने जैसे लक्षणों का कारण बनते हैं।
इसलिए आज के ब्लॉग में हम महिलाओं में हो रही पीसीओएस हॉर्मोनल बदलावों के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
विषय सूची
PCOS में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव और लक्षण क्या हैं?
आहार विशेषज्ञ की सलाह
निष्कर्ष
सामान्य प्रश्न
संदर्भ
PCOS में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव और लक्षण क्या हैं?
चलिए PCOS में होने वाले हॉर्मोनल इंबैलेंस और लक्षणों को विस्तार से समझते हैं जिससे आप सही उपचार ले सकें।
1. Insulin Resistance
PCOS में आपके शरीर के सेल्स इंसुलिन के प्रति कम रिस्पॉन्सिव हो जाते हैं। इस समस्या को इंसुलिन रेजिस्टेंस कहते हैं। परिणामस्वरूप, सामान्य ब्लड शुगर लेवल के लिए पेनक्रियाज़ इंसुलिन का निर्माण अधिक मात्रा में करने लगता है, जिससे इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। इस बढ़े हुए इंसुलिन के कारण ओवरी ज़्यादा एंड्रोजन बनाती हैं, जैसे टेस्टोस्टेरोन, जिससे हॉर्मोन इंबैलेंस होता है और पीसीओएस के लक्षण दिखते हैं।
लक्षण:
वज़न बढ़ना: शरीर ठीक से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है जिससे खासकर पेट के आस-पास की चर्बी बढ़ने लगती है।
अकन्थोसिस निगरिकन्स: त्वचा में गहरे धब्बे हो जाते हैं जो आमतौर पर त्वचा की परत और सिलवटों में दिखाई देते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज़ का रिस्क बढ़ना: रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने से होती है।
2. एंड्रोजन
PCOS में मेल हॉर्मोन का स्तर या एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का बैलेंस बिगड़ जाता है। एंड्रोजन में टेस्टोस्टेरोन शामिल होता है, जो कि महिलाओं में कम मात्रा में ही सही लेकिन प्राकृतिक रूप में पहले से ही उपस्थित होता है। लेकिन महिलाओं के शरीर में इसका स्तर बढ़ने से शारीरिक छवि और रिप्रोडक्टिव हेल्थ में बदलाव होते हैं।
लक्षण:
मुंहासे: गंभीर और ज़िद्दी मंहासे होते हैं जिसके लिए अच्छे ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है।
हिर्सुटिज़्म: आपका रोम अत्यधिक मात्रा में बढ़ने लगता है आपके चेहरे, चेस्ट और पीठ में बालों की ग्रोथ बढ़ जाती है।
मेल पैटर्न बाल्डनेस: बिल्कुल पुरुषों की तरह आपके बाल पतले होने लगते हैं या क्राउन और टेम्पल से झड़ने लगते हैं।
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3. Estrogen
पीसीओएस में एस्ट्रोजन का स्तर सामान्य होता है या बढ़ने लगता है लेकिन ये प्रोजेस्टेरोन के अनुपात को असंतुलित करता है। यह डिसरप्टिव अनुपात रेगुलर ओव्युलेशन को रोकता है, जिससे ओव्युलेशन और पीरियड साइकिल अनियमित हो जाते हैं।
लक्षण:
वज़न बढ़ना: खासकर हिप्स और जांघों के क्षेत्र का वज़न बढ़ता है, यह सीधा एस्ट्रोजन लेवल से संबंधित है।
मूड स्विंग: भावनात्मक स्थिरता नहीं होती, इसमें डिप्रेशन और एंज़ाइटी शामिल हैं।
हेवी या इर्रेगुलर पीरियड्स: नियमित प्रोजेस्टेरोन की अनुपस्थिति में एंडोमेट्रियल लाइनंग के मोटे होने के कारण होता है।
4. प्रोजेस्टेरोन
पीसीओएस में प्रोजेस्टेरोन का स्तर आमतौर पर नियमित ओव्यूलेशन की कमी के कारण कम होता है। प्रोजेस्टेरोन की ये कमी एस्ट्रोजन की प्रबलता को बढ़ाती है, जिससे मेंस्ट्रुअल साइकिल बाधित हो जाती है।
लक्षण:
इर्रेगुलर या एब्सेंट मेंस्ट्रुअल पीरियड्स: ओव्यूलेटरी साइकिल की कमी के कारण होता है।
हैवी ब्लीडिंग: एंडोमेट्रियल अस्तर पर एस्ट्रोजन की अनअपोज्ड एक्शन के कारण होता है।
PMS लक्षण: इसमें, पेट फूलना, ब्रेस्ट टेंडरनेस और मूड स्विंग्स शामिल हैं।
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5. ल्यूटिनाइज़िंग हॉर्मोन (LH)
पीसीओएस वाली महिलाओं में फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन की तुलना में ल्यूटिनाइज़िंग हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हॉर्मोनल इंबैलेंस ओवरी के फंक्शन में खराबी करता है, जिससे ओवरी में सिस्ट बनने लगता है और नॉर्मल मेंस्ट्रुअल साइकिल बिगड़ जाती है।
लक्षण:
इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकिल: बाधित फॉलिकुलर डेवलपमेंट और ओव्यूलेशन के कारण होता है।
एनओव्यूलेशन: ओव्यूलेशन की अनुपस्थिति के कारण इंफर्टिलिटी होती है।
संभावित ओवेरियन सिस्ट: ओवरी पर बहुत से छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं जो कि अल्ट्रासाउंड से देखे जा सकते हैं।
6. गोनाडोट्रोपिन-रिलीज़िंग हॉर्मोन (GnRH)
हाइपोथैलेमिक GnRH सिक्रीशन का अनियमित रेगुलेशन पिट्यूटरी ग्लैंड से LH हार्मोन और FSH के पल्सेटिला रिलीज को प्रभावित करता है। इससे मेंस्ट्रुअल साइकिल और ओव्यूलेशन में अनियमितता आती है।
लक्षण:
इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग: हार्मोन के अनियमित स्तर के कारण मेंस्ट्रुअल साइकिल प्रभावित होती है।
एनओव्यूलेशन: इससे इंफर्टिलिटी और इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या होती है।
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7. कोर्टिसोल
क्रोनिक तनाव कोर्टिसोल उत्पादन को बढ़ा सकता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान देता है, जो पीसीओएस की एक प्रमुख विशेषता है। हाई कोर्टिसोल लेवल पीसीओएस के लक्षणों को और खराब कर देता है।
लक्षण:
वज़न बढ़ना: खासकर पेट के क्षेत्र में।
थकान: शरीर में थकान और एनर्जी की कमी होती है।
एंज़ाइटी और डिप्रेशन: क्रोनिक स्ट्रेस और हॉर्मोनल इंबैलेंस के कारण मूड डिसऑर्डर में खराबी आती है।
टाइप 2 डायबिटीज़: कोर्टिसोल और इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होती है।
8. थायराइड हॉर्मोन
थायराइड डिस्फंक्शन जैसे हाइपोथायराइडिज़्म या हाशिमोटो थायरोडिटिस, ज़्यादातर पीसीओएस ग्रस्त महिलाओं में देखने मिलता है।
लक्षण:
थकान: आराम करने के बाद भी बहुत थकान होना।
वज़न बढ़ना: उपयुक्त डाइट लेने और एक्सरसाइज़ करने के बाद भी बॉडी वेट कम करने में मुश्किल होता है।
इर्रेगुलर पीरियड्स: लंबे समय तक अनियमत पीरियड्स और हैवी फ्लो होना।
आहार विशेषज्ञ की सलाह
एक डाइटीशियन के रूप में मैं टोनऑप PCOS प्लान ट्राई करने का सुझाव दूंगी। साथ ही आप अपने आहार में फल, लीन प्रोटीन, सब्ज़ियों और साबुत अनाज को शामिल करें। इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने के लिए कार्ब और शुगर को नियंत्रित करें। अपने आहार में एंटी इंफ्लेमेटरी फूड को शामिल करें जैसे नट्स, फैटी फिश और सीड्स। आपने आहार को प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट के साथ बैलेंस करें।
हेल्थ एक्सपर्ट
अक्षता गांडेवीकर
निष्कर्ष
PCOS के सभी हॉर्मोनल इंबैलेंस को समझना बहुत ज़रूरी है, इससे आप अपने स्वास्थ्य को नियंत्रित करने के लिए सही उपचार ले सकते हैं। हालांकि पीसीओएस का मूल कारण हॉर्मोन्स में असंतुलन है। पीसीओएस के उपचार के लिए हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह का पालन करना महत्वपूर्ण है।
सामान्य प्रश्न
1. PCOS और हॉर्मोनल इंबैलेंस में क्या संबंध है?
PCOS (पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) खासकर हॉर्मोनल इंबैलेंस की विशेषता होती है जिसमें ओवरी अधिक मात्रा में एंड्रोजन (मेल हॉर्मोन) का निर्माण करती हैं। इससे इर्रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकिल, मुंहासे और हिर्सुटिज़्म के लक्षण दिखते हैं।
2. PCOS में हॉर्मोनल इंबैलेंस के सामान्य लक्षण क्या हैं?
PCOS हॉर्मोनल इंबैलेंस में ये लक्षण शामिल हैं:
इर्रेगुलर पीरियड्स
फेशियल हेयर ग्रोथ
वज़न बढ़ना
मेल पैटर्न बाल्डनेस
मूड स्विंग्स और थकान
3. PCOS में हॉर्मोनल इंबैलेंस के क्या उपचार हैं?
Treatments for the PCOS hormone imbalance typically include:
जीवन शैली में बदलाव- जैसे पौष्टिक आहार का सेवन, एक्सरसाइज़ आदि।
डॉक्टर द्वारा सुझाई दवा लेना शामिल हैं।
संदर्भ
https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/8316-polycystic-ovary-syndrome-pcos
https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/pcos/symptoms-causes/syc-20353439
https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/polycystic-ovary-syndrome
https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/22673-hormonal-imbalance
https://blog.mission-health.org/2019/04/04/hormonal-imbalances-and-the-impact-of-pcos/
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