त्वचा पर सफेद दाग क्यों होते हैं? जानिए विटिलिगो के प्रमुख कारण और लक्षण!
Hindi
Published on: 31-Jul-2024
10 min read
242 views
Vishalakshi Panthi
त्वचा पर सफेद दाग क्यों होते हैं? जानिए विटिलिगो के प्रमुख कारण और लक्षण!
share on
क्या आपने ऐसे लोगों को देखा है जिनकी त्वचा पर सफेद धब्बे होते हैं? हमारी त्वचा लगातार बाहरी और पर्यावरणीय कारकों के संपर्क में रहती है, जिससे मुंहासे, दाने, ड्राई स्किन, सफेद दाग आदि समस्याएं होती हैं। ऐसी ही एक समस्या विटिलिगो है। विटिलिगो, पिगमेंट लॉस की विशेषता वाली एक स्थिति है। इसका अर्थ है- आपके शरीर की प्रभावित त्वचा का रंग चला जाना। हालांकि वैज्ञानिक विटिलिगो का सटीक कारण अभी भी ढूंढ रहे हैं, लेकिन शोध के अनुसार इसके कुछ संभावित कारणों का पता लगाया गया है। इस ब्लॉग में हम विटिलिगो के लक्षण और कारण जानेंगे।
विषय सूची
विटिलिगो डिज़ीज़ क्या है?
विटिलिगो डिज़ीज़ फैलने का कारण क्या है?
विटिलिगो के लक्षण
निष्कर्ष
सामान्य प्रश्न
संदर्भ
विटिलिगो डिज़ीज़ क्या है?
यह एक स्किन डिसऑर्डर है जिसमें त्वचा का रंग खो जाता है, प्रभावित त्वचा हल्की दिखाई देती है या सफेद हो जाती है। यह तब होता है जब आपका इम्यून सिस्टम मेलानोसाइट्स को नष्ट कर देता है जो की मेलानोसाइट्स त्वचा को रंग प्रदान करने के लिए जिम्मेदार सेल्स होते हैं।
त्वचा की इस स्थिति का असर आंखों, मुंह के अंदर और बालों पर भी पड़ सकता है। कुछ मामलों में, ये प्रभावित क्षेत्र जीवन भर ऐसे ही बने रह सकते हैं, जबकि अन्य व्यक्तियों को रिपिगमेंटेशन का अनुभव हो सकता है।
विटिलिगो लाइट-सेंसिटिव होता है, जिसका अर्थ है कि प्रभावित क्षेत्र सूर्य की रोशनी के प्रति ज़्यादा संवेदनशील होते हैं। पैच के फैलने को प्रिडिक्ट करना मुश्किल होता है, क्योंकि यह कुछ हफ्तों में हो सकता है या महीनों या वर्षों तक भी स्थिर रह सकता है। गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्तियों में हल्के धब्बे अधिक दिखाई देते हैं।
यह भी पढ़ें: काले धब्बों को अलविदा कहें: रंजकता के लिए घरेलू उपचार
विटिलिगो रोग होने का कारण क्या है?
वीविटिलिगो रोग उत्पन्न करने के लिए विभिन्न कारक ज़िम्मेदार होते हैं। उनमें से कुछ हैं :
1. जेनेटिक्स
विटिलिगो विकार का मुख्य और सबसे बुनियादी कारण जेनेटिक्स हैं। यदि आपके परिवार में विटिलिगो का इतिहास है, तो इस बात की बहुत ज़्यादा संभावना है कि आप में भी यह डिसऑर्डर विकसित हो सकता है। हालांकि विटिलिगो के कारण के रूप में किसी एक जीन की पहचान नहीं की गई है, लेकिन कुछ जेनेटिक वैरिएशंस विटिलिगो की बढ़ती संवेदनशीलता से जुड़े हुए हैं।
2. ऑटोइम्यून डिसफंक्शन
विटिलिगो रिसर्च में प्रचलित थ्योरी बताती है कि यह स्थिति मुख्य रूप से एक ऑटोइम्यून डिज़ीज़ है। इसका मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) गलती से मेलानोसाइट्स सेल्स पर हमला करके उन्हें नष्ट कर देती है। परिणामस्वरूप, विटिलिगो से पीड़ित लोगों में विशिष्ट रंगहीन पैच विकसित हो जाते हैं।
3. न्यूरोकेमिकल्स के प्रभाव
विटिलिगो में न्यूरोकेमिकल्स की भूमिका होती है। त्वचा में कॉम्प्लेक्स नर्व नेटवर्क होते हैं जो इम्यूनिटी और मेलानोसाइट फ़ंक्शन को प्रभावित करने वाले पदार्थ छोड़ते हैं। इस क्रिया में व्यवधान से विटिलिगो हो सकता है। तनाव, विशेष रूप से, नर्व और इम्यून सिस्टम पर अपने प्रभाव के माध्यम से विटिलिगो हमलों को ट्रिगर करने का कारण माना जाता है।
4. पर्यावरण का त्वचा पर प्रभाव
ये भी विटिलिगो पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। केमिकल, प्रदूषण, अल्ट्रावायलेट रेडिएशन और त्वचा जैसे कुछ पर्यावरणीय कारकों के संपर्क में आने पर चोटें विटिलिगो विकसित होने से जुड़ी होती हैं। ये पर्यावरणीय प्रभाव ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, सूजन या इम्यून सिस्टम में बदलाव का कारण बनते हैं, जिससे प्रभावित व्यक्तियों में मेलानोसाइट्स का विनाश हो सकता है।
यह भी पढ़ें: त्वचा से प्राकृतिक रूप से सन टैन हटाने के 6 सिद्ध तरीके
5. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
विटिलिगो का दूसरा बड़ा कारण ऑक्सीडेटिव तनाव है। अत्यधिक ऑक्सीडेटिव तनाव मेलानोसाइट्स को नष्ट कर देता है और मेलेनिन उत्पादन में बाधा पैदा करते हैं, जिससे विटिलिगो में डिपिगमेंटेशन देखी जाती है। यह आम तौर पर रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़ (आरओएस) उत्पादन में असंतुलन के कारण होता है, और एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि विटिलिगो के रोगजनन या पैथोजेनेसिस में भूमिका निभाती है।
6. हॉर्मोनल प्रभाव
आपके हॉर्मोन भी शारीरिक कार्य को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन जब ये असंतुलित हो जाते हैं तो विटिलिगो जैसे डिसऑर्डर का कारण बनते हैं। एमएसएच (मेलानोसाइट-स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन), कोर्टिसोल और थायराइड हॉर्मोन जैसे हॉर्मोन त्वचा के पिगमेंट सेल्स को प्रभावित करते हैं। बीमारियों, प्रेगनेंसी या हॉर्मोन थेरेपी के कारण असंतुलन इन सेल्स को प्रभावित कर सकता है और विटिलिगो का कारण बन सकता है। उदाहरण के लिए, थायराइड डिज़ीज़ अक्सर विटिलिगो के साथ होता है और हॉर्मोनल और ऑटोइम्यून कारकों के ज़रिए त्वचा के पिगमेंट सेल्स को प्रभावित कर सकता है।
यह भी पढ़ें: आपके शरीर में हॉर्मोन को संतुलित करने के लिए व्यायाम करें
7. इम्युनिटी संबंधी कारक
कमज़ोर इम्यून सिस्टम विटिलिगो का मुख्य कारण है, जिससे मेलानोसाइट्स का विनाश होता है। विटिलिगो से पीड़ित मरीज़ों को अपने इम्यून रिस्पॉन्स में बदलाव का अनुभव होता है, जिसमें टी-सेल फंक्शन, साइटोकिन उत्पादन और एंटीजन प्रेज़ेंटेशन में असामान्यताएं शामिल हैं। ऑटोइम्यून सिस्टम, जैसे मेलानोसाइट प्रोटीन के खिलाफ ऑटोएंटीबॉडी का उत्पादन, विटिलिगो में मेलानोसाइट्स के डैमेज में भी योगदान देता है।
विटिलिगो के लक्षण
यह जानने के बाद कि विटिलिगो का कारण क्या है, आइए इसके प्रमुख लक्षणों पर नजर डालते हैं:
त्वचा पर सफेद दाग: त्वचा में बेरंग पैच आते हैं।
सिमिट्रिकल पैच: सफेद दागों का समान वितरण या डिस्ट्रीब्यूशन।
बालों के रंग में बदलाव: बालों का समय से पहले सफेद होना।
म्यूकस मेंब्रेन: मुंह और नाक की टिशू लाइनिंग का रंग चला जाना।
रेटिना में परिवर्तन: आंख की रेटिना में डिपिगमेंटेशन।
क्रमिक फैलाव: सफेद दागों का धीमा और प्रगतिशील विस्तार।
सन सेंसिटिव: सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि।
अन्य क्षेत्रों में पिगमेंट लॉस होना: शरीर के अन्य भागों में डिपिगमेंटेशन।
निष्कर्ष
विटिलिगो के पैथोजेनेसिस के कई पहलुओं को अभी भी बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है। विटिलिगो में भूमिका निभाने वाले जेनेटिक, ऑटोइम्यून, पर्यावरणीय, न्यूरोकेमिकल और हॉर्मोनल कारकों की बेहतर समझ बेहतर उपचार रणनीतियों को विकसित करने और बीमारी का इलाज खोजने के लिए आवश्यक है।
सामान्य प्रश्न
1. त्वचा पर सफेद दाग होने का क्या कारण है?
त्वचा पर सफेद दाग के कुछ प्रमुख कारण हैं:
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
जेनेटिक बिहेवियर
वातावरणीय या एनवायर्नमेंटल कारक
हॉर्मोनल इम्बेलेंस
2. क्या विटिलिगो संक्रामक है?
नहीं, विटिलिगो संक्रामक त्वचा की स्थिति नहीं है। यह जेनेटिक्स, हॉर्मोनल इम्बैलेंस जैसे कारकों के कारण होता है।
संदर्भ
https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/12419-vitiligo
https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/vitiligo/symptoms-causes/syc-20355912
ToneOp क्या है?
ToneOp एक हेल्थ एवं फिटनेस एप है जो आपको आपके हेल्थ गोल्स के लिए एक्सपर्ट द्वारा बनाये गए हेल्थ प्लान्स प्रदान करता है। यहाँ 3 कोच सपोर्ट के साथ-साथ आप अनलिमिटेड एक्सपर्ट कंसल्टेशन भी प्राप्त कर सकते हैं। वेट लॉस, मेडिकल कंडीशन, डिटॉक्स जैसे हेल्थ गोल्स के लिए डाइट, नेचुरोपैथी, वर्कआउट और योग प्लान्स की एक श्रृंखला के साथ, ऐप प्रीमियम स्वास्थ्य ट्रैकर, रेसिपी और स्वास्थ्य सम्बन्धी ब्लॉग भी प्रदान करता है। अनुकूलित आहार, फिटनेस, प्राकृतिक चिकित्सा और योग प्लान प्राप्त करें और ToneOp के साथ खुद को बदलें।
Subscribe to Toneop Newsletter
Simply enter your email address below and get ready to embark on a path to vibrant well-being. Together, let's create a healthier and happier you!
Download our app
Comments (1)
S
Stephanie Sally
Hello everyone, I am from Wembley, Britain. I want to write this testimony to tell others and thank Dr. Odunga for what he has done for me. The first 12 years of my marriage I had 5 miscarriages and I was called all sorts of names by my mother-in-law and this my marriage life was very hectic and a burden of sorrow. I contacted Dr. Odunga for help and I will say that he is a very strong and honest man and he indeed helped me solve my problem. I saw his email in a testimony and I contacted him, little did I know it would be the end of all my problems. After 2 days of contact, I received a fertility herb and he told me to use it. The herb worked and my husband even loved me more and bought me expensive things. One afternoon, I went to a nearby hospital and came back home with the positive result of my pregnancy and after 9 months I gave birth to a baby boy. Ever since I contacted Dr. Odunga, my story has been different. I have 3 children at present and I am very happy in my marriage. Please, contact him at [email protected] OR Whats App him +2348167159012 to help you too
Leave a reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *