आयरन की कमी कैसे होती है? इसके लक्षण और ट्रीटमेंट के बारे में जाने!

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Published on: 22-Nov-2023

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Updated on : 30-Nov-2023

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Akriti Tiwary

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आयरन की कमी कैसे होती है? इसके लक्षण और ट्रीटमेंट के बारे में जाने!

आयरन की कमी कैसे होती है? इसके लक्षण और ट्रीटमेंट के बारे में जाने!

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क्या आपने कभी आयरन की कमी का सामना किया है? ये एक बेहद महत्वपूर्ण मिनरल है जो हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद करता है। इसके साथ-साथ ये शरीर में एनर्जी उत्पन्न करने और ऑक्सीजन ट्रांसफर करने में भी मदद करता है। लोग आयरन को सिर्फ एक फ़ूड सोर्स की तरह देखते हैं लेकिन यह उससे कई ज़्यादा है। ये हमारे शरीर के कई कार्यों में मदद करता है जो हमारे लिए आवश्यक होते हैं।   


व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी सबसे आम है जिस वजह से एनीमिया जैसी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है की आयरन की कमी के कारण क्या हैं? 


इस ब्लॉग में हम जानेंगे की आयरन की कमी कैसे होती है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है। जानने के लिए ये ब्लॉग पढ़ें!

विषयसूची 

  1. आयरन की कमी क्या है?

  2. आयरन की कमी कैसे होती है?

  3. आयरन की कमी के लक्षण 

  4. शरीर में आयरन कैसे बढ़ाएं? 

  5. आयरन की कमी से कौन सा रोग होता है?

  6. निष्कर्ष 

  7. सामान्य प्रश्न

आयरन की कमी क्या है?

हमारे शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आयरन एक बेहद ही महत्वपूर्ण घटक है जो शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में सहायक होता है।  यदि आयरन की कमी होती है तो व्यक्ति को एनीमिया जैसे स्तिथि का सामना करना पढ़ सकता है।  


हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जो की हमारे फेफड़ों से ऑक्सीजन, शरीर के अन्य हिस्सों तक ले जाता है। आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का निर्माण ठीक से नहीं हो पाता जिसकी वजह से शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इससे व्यक्ति को  सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।  साथ ही अन्य लक्षण जैसे चेहरा पीला पड़ना और थकान भी महसूस हो सकते हैं। 


इससे बचने के लिए आपको अपने डाइट में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए साथ ही समय समय पर अपना रेगुलर चेकअप और डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए। 

आयरन की कमी कैसे होती है?

आयरन की कमी कैसे होती है?

आयरन की कमी या आयरन का अभाव एक सामान्य परिस्थिति है जो आज-कल हर व्यक्ति को हो सकती है। यह कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं:

1. खानपान में कमी 

अगर सीधे तौर पर बोले तो आयरन युक्त भोजन के अपर्याप्त सेवन से आयरन की कमी हो सकती है। शरीर की आयरन की ज़रूरतें हमारी न्यूट्रिशनल और हेल्दी डाइट से ही पूर्ण होती है, इसलिए शरीर में आयरन को प्रचुर मात्रा में बरक़रार रखने के लिए हमे निम्नलिखित फ़ूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए -


  • हीम आयरन- यह आयरन एनिमल फूड्स जैसे मीट और मछली में पाया जाता है। इसके कुछ उदाहरण में रेड मीट और अंडे शामिल हैं। 

  • नॉन-हीम आयरन- यह आयरन शाकाहारी और वीगन खाद्य पदार्थ में पाया जाता है। इसके कुछ उदाहरण में फल, नट्स एंड सीड्स और दाल शामिल है। 

2. आयरन के अवशोषण में कमी

आयरन युक्त खाद्य पदार्थ खाने के कई महत्वपूर्ण फ़ायदे है। निम्नलिखित कुछ तत्व दिए गए हैं  जो आयरन के अवशोषण को प्रभावित करते है-


  • कुछ खाद्य और पेय पदार्थ: ज़्यादा या नियमित तौर पर चाय या कॉफ़ी पीने से आयरन के अवशोषण में कमी आ सकती है। इसके अलावा कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ ज़्यादा खाने से भी इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता हैं। 


  • मेडिकल कंडीशन: कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे क्रोनिक डिसीज़ और एस्ट्रोफिक गैस्ट्रिटिस आयरन के अवशोषण की शक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। 

3. आयरन की आवश्यकता 

कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जिसमेंं हमारी आयरन की आवश्यकता बढ़ जाती है। ऐसे कुछ स्थितियों में शामिल है-


  • गर्भावस्था: ब्लड वॉल्यूम के बढ़नें के कारण, हमे ज़्यादा आयरन की आवश्यकता होती है। 

  • ग्रोथ: बढ़ती उम्र में बच्चों को अपनी पोषक तत्वों की आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए भी ज़्यादा आयरन की ज़रूरत होती है।   

4. ब्लड लॉस 

ब्लड लॉस का सीधा संबंध आयरन के लॉस से होता है। इससे कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता हैं। निम्नलिखित स्थितियां ब्लड लॉस का कारण हो सकती हैं-


  • पीरियड्स:  पीरियड्स के वक़्त लम्बे समय तक ब्लड फ़्लो के कारण आयरन की कमी हो सकती है। 

  • इंटरनल ब्लीडिंग: पेट में अल्सर जैसी स्थितियों में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। ये एनीमिया का कारण बन सकता है। 

5. स्टोर्ड आयरन को इस्तेमाल करने में असमर्थ 

हमारा शरीर में आयरन का स्टोरेज लिवर और बोन मेरो में होता है लकिन कभी कभी कुछ परिस्थितिओं में इसका ठीक ढंग से प्रयोग नहीं हो पाता जिसके कारण व्यक्ति को आयरन की कमी का सामना करना पढ़ सकता है। 

आयरन की कमी के लक्षण


आयरन की कमी के लक्षण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। यहां कुछ सामान्य लक्षण हैं जो आयरन की कमी के संकेत हो सकते हैं:


  • थकान होना 

  • चक्कर आना 

  • सांस लेने में तकलीफ 

  • शरीर का पीलापन 

  • नाखूनों का टूटना 

  • बालों का झड़ना 

  • पेट दर्द 

  • चिड़चिड़ापन 

  • भूख ना लगना 

  • एकाग्रता की कमी 

  • हाथ और पैरों का ठंडा पड़ना 

शरीर में आयरन कैसे बढ़ाएं? 

शरीर में आयरन को बढ़ाने के लिए यहाँ कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

1. डाइट में बदलाव 

आयरन की कमी से निपटने के लिए हमें आयरन की खपत को बढ़ाना चाहिए। इसके लिए हमें अपनी डाइट में हीम आयरन और नॉन हीम आयरन को साथ में शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही हमें चाय और कॉफ़ी के अनियंत्रित सेवन से भी बचना चाहिए। कुछ आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ में रेड मीट, ड्राई फ्रूट, पोल्ट्री, दाल और ग्रेन्स शामिल हैं। 

2. आयरन सप्लीमेंट्स 

फ़ेरस सल्फेट, फ़ेरस ग्लूकोनेट और फ़ेरस फरमेट जैसे सप्लीमेंट्स से आप अपने शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकते हैं। सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें। वे आपकी मेडिकल कंडीशन के अनुसार आपको दवाइयों की सलाह देंगे। 

3. आयरन के बर्तन में खाना बनाए 

आयरन के बर्तन में खाना पकाने से खाने में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा, इन बर्तनों में बनाया गया खाना स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, जिससे आहार से संतुलित पोषण मिलता है।

4. लाइफस्टाइल में बदलाव

आयरन की कमी की पूर्ति के लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल में कुछ स्वाभाविक बदलाव लाने की आवश्यकता है। इसके लिए अल्कोहल के सेवन को कम करना चाहिए क्योंकी ये ख़राब अवशोषण का कारण बनता है। इसके साथ स्मोकिंग भी कम करनी चाहिए। 

आयरन की कमी से कौन सा रोग होता है?


आयरन की कमी से कई सारे रोग हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य रोग इस प्रकार हैं:

1. एनीमिया

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे आम रोग है। इस स्थिति में, शरीर में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है, जो रेड ब्लड सेल्स में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को शरीर के चारों ओर ले जाने के लिए ज़िम्मेदार होता है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से थकान, कमज़ोरी, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और त्वचा का पीलापन हो सकता है।

2. गर्भावस्था में समस्या 

गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से बच्चे को नुकसान हो सकता है। आयरन की कमी से गर्भ में बच्चे वज़न कम हो सकता है, और उसके जन्म के बाद उसे स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। साथ ही गर्भावस्था में महिलाओं को अधिक आयरन की आवश्यकता होती है। आयरन की कमी से गर्भवती महिलाओं में अधिक थकान, कमज़ोरी, और डिलीवरी के बाद कमज़ोरी हो सकती है।

3. हृदय और लंग्स संबंधित समस्याएं 

आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिसके कारण हृदय को कार्य करने में दिक्कत होती है। यह हृदय की मांसपेशियों को कमज़ोर कर सकता है जिससे हृदय संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। आयरन की कमी से फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त नहीं होता है, जिससे रेस्पिरेटरी परेशानियां हो सकती हैं।

4. थकान और कमज़ोरी 

आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी होती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन ट्रांसफर में कठिनाई होती है। इसके कारण थकान और कमज़ोरी का अनुभव हो सकता है। बच्चों में आयरन की कमी से विकास और सीखने में देरी हो सकती है।

निष्कर्ष 

आयरन की कमी एक ऐसी स्थिति है जिसे हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते है। इस कारण हमें उन चीज़ों का खास ध्यान रखना चाहिए जिससे हमारा स्वास्थ्य सम्पूर्ण रूप से ठीक रहे। आयरन की कमी को रोकना बेहद ज़रूरी है क्योंकी ये कई बिमारियों का भी कारण बनता है। इससे बचने के लिए आप नियमित चेकअप करवा सकते हैं, साथ ही समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहें। 


किसी अन्य मेडिकल कंडीशन के बारे में जानने के लिए या कंसल्टेशन के लिए आप ToneOp के एक्सपर्ट्स की सलाह ले सकते हैं। 

सामान्य प्रश्न 

1. किन खाद्य पदार्थों में आयरन प्रचुर मात्रा में होते है?

आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आप अपनी डाइट में नट्स, सीड्स, हरी सब्ज़ियां, अंडे, चिकन और मछली जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। 


2. सबसे ज़्यादा आयरन कौन से फल या सब्ज़ी में पाया जाता है?

सबसे ज़्यादा आयरन चुकंदर में पाया जाता हैं। चुकंदर हीमोग्लोबिन की मदद से रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करता हैं। 


3. आयरन सप्लीमेंट्स को कितने दिनों तक खाना चाहिए?

अपने शरीर में आयरन को नियंत्रित रखने के लिए एक साल में 2-3 महीने तक आयरन के सप्लीमेंट्स लेने चाहिए। 


4. आयरन सप्लीमेंट्स खाने का सबसे बेहतर समय क्या है?

हमें सुबह के वक़्त विटामिन C के साथ आयरन सप्लीमेंट्स लेने चाहिए। विटामिन C आयरन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता हैं।


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