क्या आप भी कच्चा दूध उपयोग करते हैं? जानिए कच्चा दूध पीने के फायदे और नुक्सान



हमें बचपन से बताया गया है कि दूध हमारे आहार का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। क्या यह बात कच्चे दूध पर भी लागू होती है? कच्चा दूध, जिसे कुछ लोग पोषण का पावरहाउस मानते हैं। कच्चे दूध के समर्थकों का दावा है कि यह लाभकारी एनज़ाइम, विटामिन और प्रोबायोटिक्स को बरकरार रखता है। संभावित रूप से पाचन में सहायता करता है और इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इसके अलावा, कच्चे दूध के शौकीनों का तर्क है कि इसका स्वाद उबले हुए दूध की तुलना में ज़्यादा ताज़ा होता है। यह दूध बैक्टीरिया को मारने के लिए गर्म करने की प्रक्रिया, पाश्चुरीकरण से गुजरा नहीं होता है।
कच्चा दूध विटामिन, प्रोबायोटिक्स और सहायक एंज़ाइमों को बनाए रखता है जो पाश्चुरीकरण (दूध उबालने की प्रक्रिया) के दौरान नष्ट हो सकते हैं। हालांकि, कच्चे दूध के सेवन से बुज़ुर्गों, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमज़ोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को बचना चाहिए। कच्चे दूध के फायदे और जोखिम जानने के लिए आगे पढ़ें।
विषय सूची
1. कच्चा दूध पीने के क्या फायदे हैं?
2. कच्चे दूध के 4 साइड इफेक्ट्स पर विचार करें
3. आहार विशेषज्ञ की सलाह
4. निष्कर्ष
5. सामान्य प्रश्न
6. संदर्भ
कच्चा दूध पीने के क्या फायदे हैं?
आइए एक नज़र डालते हैं कच्चा दूध पीने के फायदों पर:
1. पोषक तत्त्व ज़्यादा होते हैं
कच्चे दूध में विटामिन (ए, बी12, डी), खनिज (कैल्शियम, फॉस्फोरस), और प्रोटीन (कैसिइन, मट्ठा) जैसे आवश्यक पोषक तत्व रहते हैं जो दूध को उबालने के कारण बदल सकते हैं। ये पोषक तत्व हड्डी का स्वास्थ्य, और इम्यून फंक्शन के लिए काफी फायदेमंद हैं।
2. प्राकृतिक एंज़ाइम होते हैं
कच्चे दूध में लैक्टेज़, लाइपेज और फॉस्फेट जैसे प्राकृतिक एनज़ाइम होते हैं, जो पोषक तत्वों के पाचन और अवशोषण में सहायता करते हैं। उदाहरण के लिए, लैक्टेज़, लैक्टोज़ को तोड़ने में मदद करता है, जिससे कच्चे दूध को संभावित रूप से लैक्टोज़ इंटॉलरेंट व्यक्तियों के लिए और भी डाइजेस्टिबल बना दिया जाता है।
3. प्रोबायोटिक्स से भरपूर
कच्चा दूध लाभकारी बैक्टीरिया से भरपूर होता है, जिसमें इसके लैक्टोबैसिलस और बिफिदोबैक्टीरियम स्ट्रेंस भी शामिल हैं। ये स्ट्रेंस स्वस्थ गट माइक्रोबायोम में योगदान देते हैं। प्रोबायोटिक्स पाचन में सहायता करते हैं, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव डालते हैं।
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4. इम्युनिटी को बढ़ाता है
कच्चे दूध में इम्युनोग्लोबुलिन, लैक्टोफेरिन और लाइसोजाइम जैसे इम्यूनिटी-बूस्टिंग कंपोनेंट्स होते हैं। ये कंपोनेंट्स पैथोजन्स से लड़ने में मदद करते हैं और शरीर के डिफेंस मैकेनिज़्म को मजबूत करते हैं।
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5. फैटी एसिड्स की उपलब्धता
कच्चे दूध में फैटी एसिड का एक स्पेक्ट्रम शामिल होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स और ओमेगा-6, हृदय स्वास्थ्य, ब्रेन फंक्शन और इन्फ्लेमेशन रेगुलेशन के लिए आवश्यक हैं।
कच्चे दूध के 4 साइड इफेक्ट्स पर विचार करें
क्या कच्चे दूध के साइड इफेक्ट होते हैं? कच्चे दूध में पैथोजन्स के साथ जीवाणु संक्रमण का जोखिम होता है। ई कोलाई, साल्मोनेला, और लिस्टेरिया, जो गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं। इसलिए, कच्चे दूध का सेवन करने वाले व्यक्तियों को इसके फायदों के साथ-साथ इसके जोखिमों या दुष्प्रभावों की जानकारी होना भी ज़रूरी है।
आइए कच्चे दूध के कुछ दुष्प्रभावों पर नजर डालें:
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आहार विशेषज्ञ की सलाह
एक आहार विशेषज्ञ के रूप में, मैं बैक्टीरिया कंटैमिनशन के महत्वपूर्ण जोखिमों के साथ-साथ संरक्षित एंज़ाइमों और प्रोबायोटिक्स जैसे संभावित लाभों को ध्यान में रखते हुए, कच्चे दूध को सावधानी से लेने की सलाह देती हूं। हालांकि मैं लैक्टोज़ इंटॉलरेेंट, दूध से एलर्जी, छोटे बच्चों, कम इम्यूनिटी वाले आदि लोगों को कच्चे दूध से परहेज़ करने की सलाह देती हूं।
डॉ. अदिति उपाध्याय
निष्कर्ष
कच्चे दूध पर बहस स्वास्थ्य के लिए आहार संबंधी निर्णयों की जटिलता पर प्रकाश डालती है। जबकि कुछ लोग एंज़ाइम और प्रोबायोटिक्स जैसे इसके संभावित पोषण संबंधी लाभों की प्रशंसा करते हैं। वैज्ञानिक प्रमाण अधिक निर्णायक होने चाहिए। फिर भी, ई. कोली और साल्मोनेला जैसे हानिकारक बैक्टीरिया के खतरे होते हैं। इसलिए, कच्चे दूध की खपत पर विचार करते समय सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। कच्चे दूध के सेवन के लिए अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह का पालन करें।
सामान्य प्रश्न
1. क्या रोज़ाना कच्चा दूध पीना अच्छा है?
बैक्टीरिया संक्रमण की संभावना के कारण रोज़ाना कच्चे दूध का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य जनित बीमारी हो सकती है।
2. कौन सा दूध बेहतर है, कच्चा या उबला हुआ?
कच्चे और उबले दूध के बीच निर्णय लेते समय, यह विचार करना महत्वपूर्ण है कि जहां कच्चा दूध अपने प्राकृतिक एंजाइमों और पोषक तत्वों को बरकरार रखता है, वहीं दूध उबालने से हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जिससे इसका सेवन करना सुरक्षित हो जाता है।
3. क्या कच्चे दूध के साइड इफेक्ट होते हैं?
हां, कच्चे दूध में हानिकारक बैक्टीरिया की संभावित उपस्थिति के कारण दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण या फूड पॉइज़निंग जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
संदर्भ
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