थेंगा पराई फिश के स्वास्थ्य लाभ और व्यंजन विधि



हॉर्स मैकेरल, जिसे आमतौर पर थेंगा पराई फिश के रूप में जाना जाता है, जैक और ट्रेवेली से बनी कैरंगिडे नामक फिश की जाती से संबंधित है। थेंगा पराई फिश के अन्य सामान्य नाम हैं मासबैंकर, हैडॉक, स्टॉकर और ग्रॉस स्टॉकर।
इसकी एक पतली पूँछ होती है जिसे पेडुंकल कहा जाता है, और एक विस्तृत-द्विभाजित पूँछ पंख और रीढ़ के साथ हड्डी की प्लेटें लेटरल लाइन के साथ स्थित होती हैं। ये मछली को शिकारियों से बचाती हैं।
इसके अलावा, थेंगा पराई में 2 डोर्सल फिन होते हैं। इसके अलावा, पूँछ के पंख पर 2 तेज़ रे होती हैं। इस मछली की औसत आयु लगभग 9 वर्ष होती है। थेंगा पराई के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं और यह कई मेडिकल कंडीशंस को कम करने में मदद करती है।
आइये हम ToneOp के विशेषज्ञों द्वारा सूचित किये गए इस शानदार मछली के पोषण संबंधी लाभों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
विषयसूची
1. थेंगा पराई के पोषण मूल्य और तथ्य
2. थेंगा पराई के स्वास्थ्य लाभ
3. थेंगा पराई के दुष्प्रभाव क्या हैं?
4. जापानी-शैली में थेंगा पराई पकाने की विधि
5. आहार विशेषज्ञ की सलाह
6. निष्कर्ष
7. सामान्य प्रश्न
थेंगा पराई के पोषण मूल्य और तथ्य
थेंगा पराई फिश न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसमें कई स्वास्थ्य लाभ भी शामिल हैं।
इसमें 20% तक प्रोटीन और थोड़ा फैट होता है। इसलिए, 100 g मछली में कैलोरी की मात्रा केवल 114 Kcal होती है।
इसमें सोडियम, आयरन, आयोडीन, कैल्शियम, मैंगनीज, मोलिब्डेनम, फास्फोरस, सल्फर, फ्लोरीन, कोबाल्ट, कॉपर, क्रोमियम और ज़िंक जैसे कई मूल्यवान पोषक तत्व होते हैं।
इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा 3 और 6, विटामिन A, E, फोलिक एसिड, विटामिन B1, B2 और B6 भी होते हैं। लगभग 100 g थेंगा पराई में शामिल हैं:
- कैलोरी - 114 Kcal
- प्रोटीन - 18.5 g
- फैट - 4.5 g
- पानी - 76 g
थेंगा पराई के स्वास्थ्य लाभ
इस तरह की पौष्टिक संरचना और कम कैलोरी थेंगा पराई को सभी के लिए फायदेमंद भोजन बनाती है, खासकर मोटापे से जूझ रहे लोगों के लिए। इस मछली का नियमित सेवन आपके स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है। थेंगा पराई के मुख्य स्वास्थ्य लाभ हैं;
- हृदय की कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक है।
- ब्लड वेसल्स की लोच में सुधार।
- मेटाबॉलिज़्म और इम्यून सिस्टम के कार्य को बनाए रखने में मदद करती है।
- कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाएं।
- रक्त के थक्कों और सूजन को रोकती है।
- रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचाती है।
- दृष्टि में सुधार करती है।
- कैंसर से बचाव करती है।
- बच्चों में ब्रोन्कियल एलर्जी को रोकती है।
- पोस्टनेटल डिप्रेशन से बचाती है।
- UV डैमेज से छिद्रों और त्वचा की रक्षा करती है।
साइड इफेक्ट क्या हैं?
इस मछली का नुकसान यह है कि यह विभिन्न मरकरी कंपाउंड का उत्पादन करती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इस मछली के सेवन से बचें क्योंकि यह विकासशील नर्वस सिस्टम को ख़राब कर सकती है।
जापानी शैली में थेंगा पराई पकाने की विधि
सामग्री
- थेंगा पराई- 3 टुकड़े
- नींबू - 1 छोटा चम्मच
- नमक और काली मिर्च - स्वादानुसार
- मक्खन - 3 बड़े चम्मच
- सौर क्रीम - ½ कप
- एक पार्सले और सोआ(dill) का बंच
- संतरा - 1 टुकड़ा
- किसा हुआ पनीर - 2-3 बड़े चम्मच
व्यंजन विधि
1. मछली को फ़िललेट्स में काटें और इसमें नींबू का रस डालें।
2. सब्ज़ियों को काट कर तेल में हल्का तल लें।
3. नमक और काली मिर्च डालें, और ताली हुई सब्ज़ियों पर फ़िललेट्स को सॉस पैन में डालें।
4. सौर क्रीम, संतरा के स्लाइस, और पनीर डालें।
5. ओवन में 15-20 मिनट तक बेक करें।
6. इसे उबले हुए चावल के साथ सर्व करें।
आहार विशेषज्ञ की सलाह
थेंगा पराई, बहुत ही पौष्टिक होने के साथ-साथ अविश्वसनीय रूप से स्वादिष्ट होती है, और आप इस मछली के साथ विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन बना सकते हैं।
मेरी सलाह है कि आप इसे ग्रिल्ड, रोस्ट करके रखें और तैयार करी में आप इसे स्टीम भी कर सकते हैं। मांसाहारी लोगों के लिए सप्ताह में तीन बार मछली खाना अच्छा होता है
-आहार विशेषज्ञ लवीना चौहान
निष्कर्ष
थेंगा पराई एक छोटे आकार की फिश है जो आमतौर पर तटीय जल और बड़े जल निकायों में पाई जाती है। यह अत्यधिक पौष्टिक होती है और इसलिए इसे एक स्वस्थ मछली की किस्म माना जाता है। हालांकि, यदि आप मांसाहारी हैं या आप किसी स्टोर में थेंगा पराई फिश देखते हैं, तो इसे अवश्य खरीदें।
सामान्य प्रश्न
1. क्या थेंगा पराई में ओमेगा-3 होता है?
इस फिश के अधिक तैलीय होने के कारण इसे फैटी फिश कहा जाता है। यह फैट, और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती है, जो ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद करता है जो हृदय और ब्लड वेसल्स डिसीज़ के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
2. एक सप्ताह में मैं कितनी थेंगा पराई फिश का सेवन कर सकता हूँ?
हाँ, आप अपने साप्ताहिक मील प्लान में मछली को दो बार शामिल कर सकते हैं।
3. क्या थेंग पराई मछली में मरकरी होता है?
इसे अक्सर कम मरकरी कंटेंट वाली मछली माना जाता है।
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