सथुकुड़ी, मौसम्बी का तमिल नाम है। यह एक खट्टा फल है जिसमें हलकी मिठास होती है।
मौसम्बी मूल रूप से ईरान के दक्षिणी क्षेत्र का फल है। लेकिन हमारे लिए गर्मियों के मौसम में सबसे ज़रूरी चीज मौसम्बी का जूस होता है।
मोसम्बी के जूस को निकालने के तुरंत बाद ही पिया जाता है, क्योंकि ज्यादा देर तक रखने पर यह कड़वा हो जाता है। सथुकुड़ी का उपयोग ज्यादातर ताजा जूस बनाने के लिए किया जाता है और जब आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो इसका सबसे अधिक सेवन किया जाता है।
मौसम्बी के जूस में विभिन्न स्वास्थ्य लाभ शामिल हैं। आयुर्वेद यह भी कहता है कि मौसम्बी के रोज़ाना सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं, गले में दर्द, मतली और वायरल संक्रमण और अन्य मेडिकल कंडीशंस ठीक हो सकती हैं।
ToneOp के इस ब्लॉग में हम मौसम्बी जो कि सबका पसंदीदा फल है, इसके बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ते हैं।
1. सथुकुड़ी का पोषण मूल्य
2. सथुकुड़ी के स्वास्थ्य लाभ
3. सथुकुड़ी के दुष्प्रभाव
4. सथुकुड़ी कि रेसिपी
5. आहार विशेषज्ञ की सलाह
6. निष्कर्ष
7. सामान्य प्रश्न
सथुकुड़ी, एक साइट्रस जाती का फल है, यह एसिडिक एसिड में कम और विटामिन C में उच्च होता है। यहाँ 100 g मौसम्बी के पोषण मूल्य दिए गए हैं:
मौसम्बी में मौजूद एसिड शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं। फल में फाइबर आंत को स्मूद करने में मदद करती है। पल्प के साथ-साथ कब्ज़ दूर करने के लिए सथुकुड़ी के रस में थोड़ा सा काला नमक मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है।
साथुकुडी में फ्लेवोनॉयड्स पाचक रसों के स्राव को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे पाचन में सुधार होता हैं। साथुकुडी आंत्र और गैस्ट्रिक परेशानियों में भी सहायता करती है। इसके अलावा, साथुकुडी उल्टी, मतली और दस्त से पीड़ित लोगों के लिए उत्कृष्ट है।
लिमोनिन ग्लूकोसाइड नामक फ्लेवोनोइड्स में डिटॉक्सिफाइंग, एंटी-कार्सिनोजेनिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो पेप्टिक अल्सर और मुंह के अल्सर को ठीक करने में मदद करता है।
स्कर्वी विटामिन C की कमी से होता है, जिसके लक्षण मसूड़ों से खून आना, फ्लू, सर्दी, होठों के फटे हुए कोने, जीभ और मुंह में छाले जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
नियमित अंतराल पर सथुकुड़ी के सेवन से अच्छी मात्रा में विटामिन C मिलता है, जिससे स्कर्वी का खतरा कम हो जाता है।
सथुकुड़ी में विटामिन सामग्री इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करती है और इसे संक्रमण के लिए मज़बूत और अधिक प्रतिरोधी बनाती है। सथुकुड़ी हृदय की कार्यक्षमता को भी बढ़ाती है।
सथुकुड़ी तेल, जिसे बरगमोट तेल के रूप में भी जाना जाता है, इसमें एंटी- कंजेशन गुण होते हैं जो श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर रखते हैं। ये एंटी-कंजेशन वेपोराइज़र, इन्हेलर और बाम के रूप में बाज़ार में उपलब्ध हैं।
विटामिन C जोड़ों में सूजन को कम करने में मदद करता है, इसलिए सथुकुड़ी का सेवन रूमेटाइड अर्थराइटिस की संभावना को कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करती है।
सथुकुड़ी में मौजूद पोटैशियम शरीर से अतिरिक्त पानी को निकालने और शरीर को विषमुक्त करने में मदद करता है, जिससे यूरिनरी मार्ग स्वस्थ रहता है और यूरिन संबंधी विकार दूर होते हैं।
इसके अलावा, यह गाउट के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है क्योंकि साथुकुडी में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर से यूरिक एसिड को हटाने और गठिया को कम करने में मदद करते हैं।
सथुकुड़ी मिनरल और विटामिन से भरपूर होती है, जो डिहाइड्रेशन और सनस्ट्रोक को कम करने में मदद करते हैं। यह कसरत के बाद शरीर को विटामिन से फिर से भरपूर बनाने में मदद करती है। यह मांसपेशियों की ऐंठन से भी राहत दिलाती है।
सथुकुड़ी का जूस लिवर के कार्य को बढ़ाने में मदद करता है और डॉक्टर भी पीलिया से पीड़ित होने पर इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। इसी तरह, विटामिन C इम्युनिटी को बढ़ाकर फ्लू और सर्दी को ठीक करने में मदद करता है और टॉन्सिलाइटिस के दर्द का इलाज करने में भी मदद करती है।
सथुकुड़ी एक खट्टा फल है। वे कभी-कभी लोगों में कम प्रतिशत में एलर्जी प्रतिक्रियाओं को प्रेरित कर सकते हैं। अगर अधिक मात्रा में खट्टे फल का सेवन किया जाए तो इससे मतली, उल्टी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इस फल को खाने के बाद अपने दांतों को ब्रश करें क्योंकि फलों का एसिड कैविटी का कारण बन सकता है और दांतों के इनेमल को घिस सकती है।
गर्मी को मात देने के लिए खट्टा मीठा शरबत, जो हमारे शरीर को चिलचिलाती गर्मी से ठंडक पहुँचाता है। यह शरबत गर्मी को शांत करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है और एक उत्तम पेय है।
सामग्री
बनाने की विधि
1. सथुकुड़ी का रस और नींबू का रस डालने के लिए एक कटोरी लें।
2. नमक और जीरा पाउडर के साथ चीनी/शहद डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
3. अपनी पसंद के अनुसार ठंडा पानी और पुदीने की पत्तियां डालें
4. इसे ठंडा परोसें।
मारी- मारी जूस मीठे अनानास और खट्टे नींबू के मसालों के साथ सही मिश्रण है। यह जूस फलों के मीठे स्वाद और नमक का उचित संतुलन है। जब कोई वज़न घटाने की प्रक्रिया से गुजर रहा होता है, उसे मारी-मारी जूस भी हाइड्रेशन का एक आवश्यक रूप है।
सामग्री
बनने की विधि
1. एक ब्लेंडर में सथुकुड़ी का रस, अनानस क्यूब्स और पाउडर चीनी को ब्लेंड करें।
2. काला नमक और जीरा डालकर फिर से ब्लेंड करें और ठंडा-ठंडा सर्व करें।
बेल पेपर और थोड़ी सरसों के साथ एक ट्रॉपिकल सलाद है। यह सलाद झटपट और आसानी से बन जाती है। यह कई रंगों और सभी सामग्रियों के मीठे और तीखे स्वाद की होती है।
सामग्री
सजावट के लिए
बनाने की विधि
1. सलाद की सभी सामग्री को एक बाउल में मिलाएं और इसके ऊपर ड्रेसिंग डालकर अच्छी तरह टॉस करें और ठंडा परोसें।
2. मोसम्बी भी लिवर डिटॉक्स फलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।
सथुकुड़ी कई स्वास्थ्य लाभों के साथ सबसे अधिक विटामिन युक्त फल है। इसके अलावा, यह गर्मी के दौरान वरदान के रूप में कार्य करता है।
यहाँ कुछ उपचार और युक्तियाँ और तरकीबें दी गई हैं जिनका पालन मेरे घर कुछ बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है
अगर आपके मसूड़ों से खून आता है तो आप इसे काले नमक और थोड़े से पानी में मिलाकर अपने मसूड़ों पर लगा सकते हैं। नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर आपको मसूड़ों से खून आने की समस्या से राहत मिलेगी। अस्थमा के रोगियों के लिए, सौंठ पाउडर और जीरे के साथ सथुकुड़ी का रस अस्थमा के कारण होने वाली खांसी से राहत दिलाने में मदद करता है।
टॉन्सिल के कारण होने वाले दर्द के लिए, सथुकुड़ी के रस और शहद के मिश्रण के साथ गर्म पानी टॉन्सिल को कम करने में मदद करता है।
- डाइटीशियन अक्षता गांडेविकर
सथुकुड़ी भारत 12 महीने आसानी से उपलब्ध होता है। यह फल विटामिन C से भरपूर होता है, जो संक्रमण और स्कर्वी के लक्षणों की संभावना को कम करने में मदद करता है।
यह पेट की बीमारियों जैसे कब्ज़, मतली और उल्टी के इलाज में भी मदद करता है। इसके अलावा, यह त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा है और इसका उपयोग डिटॉक्सिफाइंग उपाय के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, सथुकुड़ी का उपयोग टॉफी, केक, जैम आदि बनाने के लिए किया जाता है।
1. सथुकुड़ी किन विटामिन और मिनरल में गुणकारी है?
सथुकुड़ी विटामिन C और पोटैशियम से भरपूर होती है।
2. सथुकुड़ी का सेवन करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
सथुकुड़ी का सेवन सुबह के समय करना सबसे अच्छा होता है। यह कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों और मिनरल के कारण मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में मदद करती है।
3. क्या सथुकुड़ी हानिकारक है?
नहीं! सथुकुड़ी के सेवन से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
4. क्या सथुकुड़ी त्वचा के लिए अच्छी होती है?
इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन C होता है, जिससे त्वचा कोमल, जवान और स्वस्थ दिखती है।
5. क्या गर्भवती महिलाएं सथुकुड़ी खा सकती हैं?
हाँ! गर्भवती महिलाएं सथुकुड़ी खा सकती हैं लेकिन इनका सेवन शाम के बजाय सुबह करें। साथ ही इसका जूस जल्दी पीने की कोशिश करें क्योंकि यह समय के साथ कड़वा हो जाता है।
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