ओवर न्यूट्रिशन पंहुचा सकता है सेहत को भारी नुकसान! इसके प्रकार एवं उपचार को जानें



हमने अक्सर बैलेंस्ड डाइट और प्रॉपर न्यूट्रिशन के बारे में सुना और पढ़ा है और साथ ही इसके फ़ायदों से अवगत हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि अधिक मात्रा में न्यूट्रिशन का सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है? अधिक खाना या ओवर न्यूट्रिशन न सिर्फ आपके शारीरिक विकास को रोकता है साथ ही आपको बहुत सी बीमारियों का शिकार बना देता है।
अधिक कैलोरी का सेवन करने से आपको मोटापा, डायबिटीज़, हृदय रोग और यहां तक कि कुछ प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं इसलिए ओवर न्यूट्रिशन के प्रकार, कारण एवं उपचार को जानना बहुत ज़रूरी है। इन्हें समझने के लिए ब्लॉग को आगे पढ़ें!
विषयसूची
ओवर न्यूट्रिशन क्या है?
ओवर न्यूट्रिशन के प्रकार
ओवर न्यूट्रिशन के लक्षण
ओवर न्यूट्रिशन से होने वाली परेशानियां
ओवर न्यूट्रिशन से बचने के टिप्स
मॉलन्यूट्रिशन और ओवर न्यूट्रिशन में अंतर
निष्कर्ष
सामान्य प्रश्न
ओवर न्यूट्रिशन क्या है?
अतिपोषण, या ओवर न्यूट्रिशन, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की तुलना में अधिक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। यह आमतौर पर कैलोरी, वसा, शर्करा, या अन्य पोषक तत्वों के अत्यधिक सेवन के कारण होता है जो आगे चलकर डायबिटीज़ हृदय रोग, और उच्च ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है।
ओवर न्यूट्रिशन को रोकने के लिए, स्वस्थ आहार और नियमित शारीरिक गतिविधि महत्वपूर्ण हैं। एक हेल्दी डाइट के लिए आप भरपूर मात्रा में फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल कर सकते हैं। आप नियमित रूप से व्यायाम या योग करके अपने वेट को मैनेज कर सकते हैं।
ओवर न्यूट्रिशन के प्रकार
ओवर न्यूट्रिशन के कई प्रकार हैं, जो पोषक तत्वों के प्रकार और मात्रा पर निर्भर करते हैं जैसे:
ओवर न्यूट्रिशन के लक्षण
ओवर न्यूट्रिशन के लक्षण निम्नलिखित है
क्लॉउडी यूरिन
दिल की धड़कन का अनियमित होना
आंखों में जलन या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होना
फटे या सूखे होंठ होना
इंसुलिन रेजिस्टेंस
हृदय संबंधी विकार
ओवर न्यूट्रिशन से होने वाली परेशानियां
ओवर न्यूट्रिशन की जटिलताएँ कुछ इस प्रकार है:
1. मोटापा
अत्यधिक पोषण से मोटापा या वज़न बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज़, हृदय रोग और जोड़ों की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
2. टाइप 2 डायबिटीज़
बहुत अधिक चीनी और आर्टिफ़िशियल कार्ब्स खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज़ हो सकता है।
3.हृदय रोग
हृदय कोलेस्ट्रॉल के प्रति बहुत संवेदनशील होता है। हाई कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फ़ैट का स्तर हाई ब्लड प्रेशर, हृदय विकार और एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बन सकता है।
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4. मेटाबोलिक सिंड्रोम
पोषक तत्वों के अधिक सेवन से मेटाबॉलिक सिंड्रोम हो सकता है, जिससे हृदय रोग और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है।
5. लिवर डिसीज़
फैटी लिवर की बीमारी अधिक खाने की आदतों के कारण हो सकती है। अधिकतर, अनहेल्दी आहार और शराब के सेवन से आपके लिवर को नुकसान पहुँचता है साथ ही लिवर फेलियर का खतरा बढ़ सकता है।
6. किडनी की पथरी
ज़्यादा खाने से किडनी फेलियर हो सकती है। बहुत अधिक नमक और खाद्य पदार्थ खाने से किडनी की बीमारी और किडनी की पथरी का खतरा बढ़ जाता है।
ओवर न्यूट्रिशन से बचने के टिप्स
ओवर न्यूट्रिशन आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। ओवरन्यूट्रिशन के उपचार के लिए निम्नलिखित कदम उपयुक्त हो सकते हैं:
1. आहार में बदलाव
ओवर न्यूट्रिशन से निपटने के लिए, आपको अपने आहार विकल्पों में बदलाव करने की आवश्यकता है। अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे सब्ज़ियां, फल, लीन प्रोटीन और स्वस्थ फैट शामिल करने से आपको ओवर न्यूट्रिशन को रोकने में मदद मिल सकती है।
2. न्यूट्रिशन की समझ
स्वस्थ खानपान की आदतों के साथ खाने की लेबलिंग और खाद्य पदार्थों की पोषण सामग्री को समझना महत्वपूर्ण है। यह आपको अच्छे विकल्प चुनने और अत्यधिक कैलोरी सेवन से बचने के लिए सशक्त बना सकता है।
3. नियमित शारीरिक गतिविधि
नियमित शारीरिक गतिविधि अतिरिक्त कैलोरी बर्निंग में मदद करती है और वज़न प्रबंधन में सहायता करती है। इसके लिए आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, एरोबिक और लचीलेपन वाले व्यायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते है।
4. बिहेवियरल थेरेपी
बिहेवियरल थेरेपी एक प्रकार की मनोचिकित्सा है जो लोगों को अपने व्यवहार को बदलने में मदद करती है। यह एक प्रभावी उपचार है जिसका उपयोग कई प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जा सकता है। यह थेरेपी लोगों को अपने खाने की आदतों के बारे में अधिक जागरूक बनने में भी मदद करती है और उन्हें यह पहचानने में सहायता करती है कि वे क्या खा रहे हैं और कब खा रहे हैं।
5. माइंडफुल ईटिंग
माइंडफुल ईटिंग एक ऐसी प्रैक्टिस है जो आपको अपने खाने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। यह आपको समझने में मदद करती है कि आप क्या खा रहे हैं, आप कितनी मात्रा में खा रहे हैं, और आप क्यों खा रहे हैं। यह ओवरईटिंग से बचने में भी मदद करती है।
मॉलन्यूट्रिशन और ओवर न्यूट्रिशन में अंतर
मॉलन्यूट्रिशन और ओवरन्यूट्रिशन में अंतर निम्नलिखित हैं:
निष्कर्ष
मोटापा एक गंभीर समस्या है जो कई स्वास्थ्य विकारों जैसे हृदय रोग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग का कारण बन सकता है। इस वजह से आपको अपने खानपान पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है और साथ ही यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपको सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं या नहीं।
यदि आप चिंतित हैं कि आप या आपका कोई परिचित अधिक खा रहा है और ओवर न्यूट्रिशन का शिकार होने वाला है तो अपने डॉक्टर सलाह ज़रूर लें। वे आपको हेल्दी अल्टरनेटिव चुनने और संभावित हेल्थ रिस्क से बचने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। साथ ही आप ओवर न्यूट्रिशन से बचने के लिए माइंडफुल ईटिंग का सहारा ले सकते हैं। न्यूट्रिशन से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप ToneOp के एक्सपर्ट्स से बात कर सकते हैं और उनकी सलाह ले सकते हैं।
सामान्य प्रश्न
1. मॉल न्यूट्रिशन और ओवर न्यूट्रिशन के बीच मुख्य अंतर क्या है?
मॉल न्यूट्रिशन का तात्पर्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी से है, जबकि ओवर न्यूट्रिशन का अर्थ बहुत अधिक पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना है।
2. न्यूट्रिशन के प्रकार क्या- क्या है?
न्यूट्रिशन तीन प्रकार का होता है:
मॉल न्यूट्रिशन
अंडर न्यूट्रिशन
ओवर न्यूट्रिशन
3. क्या ओवरन्यूट्रिशन के प्रभाव को सही किया जा सकता है?
हाँ, सही आहार और जीवनशैली में बदलाव से समय के साथ ओवरन्यूट्रिशन के प्रभाव को सही किया जा सकता है।
ToneOp क्या है?
ToneOp के एक हेल्थ एवं फिटनेस एप है जो आपको आपके हेल्थ गोल्स के लिए एक्सपर्ट द्वारा बनाये गए हेल्थ प्लान्स प्रदान करता है। यहाँ 3 कोच सपोर्ट के साथ-साथ आप अनलिमिटेड एक्सपर्ट कंसल्टेशन भी प्राप्त कर सकते हैं। वेट लॉस, मेडिकल कंडीशन, डिटॉक्स और फेस योगा प्लान की एक श्रृंखला के साथ, ऐप प्रीमियम स्वास्थ्य ट्रैकर, रेसिपी और स्वास्थ्य सम्बन्धी ब्लॉग्स भी प्रदान करता है। अनुकूलित आहार, फिटनेस, प्राकृतिक चिकित्सा और योग प्लान प्राप्त करें और ToneOp के साथ खुद को बदलें।
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