स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा: लक्षण, कारण, निदान और उपचार!

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Published on: 20-Jan-2024

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Akriti Tiwary

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स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा: लक्षण, कारण, निदान और उपचार!

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा: लक्षण, कारण, निदान और उपचार!

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क्या आपको 2009 में प्रचलित H1N1 फ्लू के बारे में याद है जो दुनिया भर में लगभग 284,400 मृत्यु का कारण बना था? एक ऐसा वायरस जो जानवरों के बाद बहुत तेज़ी से इंसानों में फैलने लगा। हम बात कर रहे हैं H1N1 स्वाइन फ्लू वायरस की। इसे स्वाइन फ्लू और स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के नाम से भी जाना जाता है।


यह संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने पर ड्रॉप्लेट्स के माध्यम से तेज़ी से फ़ैल सकता है। इसलिए, इन्फेक्शन के खतरे को रोकने के लिए सभी जानकारी के साथ खुद को तैयार करना आवश्यक है। इसलिए, इस ब्लॉग में, हम स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के लक्षण, कारण, जोखिम कारक, जटिलताओं, रोकथाम और उपचार के बारे में जानेंगे। अधिक जानने के लिए ब्लॉग पढ़ें!

विषयसूची

  1. स्वाइन फ्लू या स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा क्या है?

  2. स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के लक्षण 

  3. स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के कारण 

  4. स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा वायरस का खतरा किन लोगों को है?

  5. H1N1 इन्फ्लुएंज़ा की जटिलताएं 

  6. आप स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा (H1N1) को कैसे रोक सकते हैं?

  7. स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के उपचार 

  8. निष्कर्ष 

  9. सामान्य प्रश्न

  10.  संदर्भ लिंक 

स्वाइन फ्लू या स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा क्या है?

H1N1 स्वाइन फ्लू एक रेस्पिरेटरी डिसीज़ है जो इन्फ्लुएंज़ा A वायरस के सबटाइप्स के कारण होता है और व्यक्ति के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को संक्रमित करता है। 


H1N1 वायरस को पहली बार 1930 में अमेरिका में पाया गया था। इसके परिणामस्वरूप लोगों में बुखार, सर्दी, ठंड लगना और रेस्पिरेटरी डिसीज़ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके बाद, यह एक प्रमुख स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा स्ट्रेन बन गया, जिसने लाखों लोगों को संक्रमित किया।


ये भी पढ़ें: क्या JN1 वेरिएंट खतरनाक है? कोविड-19 वैरिएंट्स लिस्ट 2023!

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के लक्षण 

हालाँकि स्वाइन फ्लू जानवरों में होने वाली एक वायरल बीमारी है, लेकिन मनुष्यों में इसके संचरण के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। मनुष्यों में स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के लक्षण या H1N1 फ्लू के लक्षण लगभग सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं:

  • बुखार

  • खांसी

  • गला खराब होना

  • शरीर में दर्द

  • सांस लेने में कठिनाई

  • सिरदर्द

  • वज़न घटना 

  • ठंड लगना

  • छींक आना

  • सर्दी 

  • खांसी 

  • चक्कर आना

  • पेट में दर्द

  • भूख की कमी

  • थकान

  • डायरिया 

  • उल्टी 


यदि आप बताए गए लक्षणों में से किसी का भी अनुभव कर रहे हैं, तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के कारण 

स्वाइन फ्लू एक वायरल बीमारी है जो आम तौर पर निकट संपर्क के माध्यम से H1N1 वायरस के संचरण के कारण होती है। स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा वायरस के विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • इन्फ्लूएंज़ा C 

  • इन्फ्लूएंज़ा A के सबटाइप्स : H1N1, H1N2, H2N1, H3N1, H3N2 और H2N3


जब ये वायरस होस्ट के बॉडी में प्रवेश करते हैं, तो वे नाक, गले और लंग्स की रक्षा करने वाले सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क के बाद आपकी आंखों, मुँह या नाक को छूने से फैल सकता है।

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा वायरस का खतरा किन लोगों को है?

स्वाइन फ्लू के कारणों के साथ-साथ यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि किन लोगों को H1N1 फ्लू होने का खतरा सबसे अधिक किसे है:

उम्र 

5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के एडल्ट्स को इसका खतरा अधिक होता है। 

इम्यूनिटी 

कम इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका खतरा अधिक होता है।  

क्रोनिक डिसीज़ 

डायबिटीज़, अस्थमा, हार्ट डिसीज़, सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिसीज़ आदि से पीड़ित लोगों को इसका खतरा अधिक होता है। 

गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान 

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है। 

H1N1 इन्फ्लुएंज़ा से जुड़ी जटिलताएं 

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा (H1N1) से लोगों को कुछ प्रमुख जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है:

  • इससे लंबे समय तक होने वाला रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन निमोनिया का कारण बन सकता है। अगर इसका उपचार नहीं किया गया तो, इससे रेस्पिरेटरी फेलियर हो सकता है। 

  • इससे अस्थमा और हार्ट डिसीज़ भी हो सकते हैं।

  • व्यक्तियों को बैक्टीरियल इन्फेक्शन और ब्रोंकाइटिस का सामना करना पड़ सकता है।

  • H1N1 फ्लू पैनिक अटैक का कारण बन सकता है।

आप स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा (H1N1) को कैसे रोक सकते हैं?


स्वाइन फ्लू (H1N1) से बचाव के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

1. वैक्सीनेशन 

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के लिए प्रभावी वैक्सीन फ्लू शॉट या फ्लू वैक्सीन है। संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए वैक्सीनेशन की पूरी डोज़ लेना बहुत ज़रूरी है। सेंटर ऑफ़ डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रवेंशन (CDC) ने स्वाइन फ्लू के लिए एनुअल फ्लू वैक्सीनेशन की सिफारिश की है। ये वैक्सीन 6 महीने या उससे अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को लगेगी। 

2. सैनिटेशन 

दरवाज़े के हैंडल, टेबल, कार, बोतल, पार्क में झूले आदि जैसी संक्रमित सतहों को छूने के बाद हमेशा अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं।

3. खांसते या छींकते समय मुंह ढक लें

इसके रोकथाम का सबसे महत्वपूर्ण तरीका छींकते या खांसते समय अपना मुंह ढंकना है। जैसे ही आप छींकते या खांसते हैं, ये हवा के माध्यम से फैल सकती हैं और आपके आस-पास के लोगों को संक्रमित कर सकती हैं। हमेशा अपने साथ रुमाल या छोटा तौलिया रखें और खांसते या छींकते समय इसका इस्तेमाल करें।

4. आइसोलेशन 

यह संक्रमण की संभावना को कम करने का एक और बढ़िया तरीका है। यदि आप स्वाइन फ्लू (H1N1) के लक्षणों से जूझ रहे हैं, तो सामाजिक समारोहों या अनावश्यक भीड़ से बचने का प्रयास करें।

5. सामान शेयर न करें 

यह ज़रूरी है कि अपना निजी सामान जैसे तौलिया, कंघी, साबुन और बर्तन किसी के साथ साझा न करें क्योंकि इससे H1N1 वायरस फैलने का खतरा बढ़ सकता है।

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के उपचार 

अगर आप संक्रमित हो गये हैं तो इन विकल्पों की मदद से आपको रिकवरी में मदद मिल सकती है:


1. आराम: उचित आराम बहुत महत्वपूर्ण है। ये सेल्स के फंक्शन में सुधार करता है और वायरस से लड़ने के लिए आपकी इम्यूनिटी को रिचार्ज करता है।


2. फ्लूइड इन्टेक को बढ़ाएं: वायरस से निपटने के लिए हाइड्रेटेड रहना बेहद ज़रूरी है। आप सड़े पैन के अलावा उसमें अदरक और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियां मिलाकर हर्बल टी के रूप में सेवन कर सकते हैं। 


3. पौष्टिक खाना खाएं: एक बैलेंस्ड डाइट लें क्योंकि पोषक तत्व (विटामिन और मिनरल्स) इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।


4. मेडिकेशन्स: इसके उपचार के लिए आपको डॉक्टर कुछ एंटी वायरल दवायें लेने का सुझाव देते हैं  जैसे oseltamivir (Tamiflu®) और zanamivir (Relenza®)। ध्यान रखें किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर के परामर्श के बिना न करें।

निष्कर्ष 

स्वाइन फ़्लू, या H1N1, इन्फ्लुएंज़ा वायरस के कारण होने वाली एक वायरल बीमारी है। शुरुआत में इसे सूअरों (pigs) में पाया गया था लेकिन इसके बाद में इसे मनुष्यों में भी देखा गया। 2010 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (WHO) द्वारा इसे महामारी घोषित किया गया। यह एक संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति से आसानी से फैल सकता है।


इसके प्रभाव को रोकने या कम करने के लिए स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा के कारण और लक्षणों के बारे में खुद को अपडेट रखना बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही इसके रोकथाम और उपचार के विकल्पों को सीखना भी प्रभावों को कम करने के लिए आवश्यक है।  

सामान्य प्रश्न

1. स्वाइन फ्लू (H1N1) का निदान कैसे किया जाता है?

स्वाइन इन्फ्लुएंज़ा का निदान लक्षणों और रैपिड फ्लू परीक्षण के परिणाम पर निर्भर करता है।


2. क्या स्वाइन फ्लू (H1N1) संक्रामक है?

स्वाइन फ्लू एक वायरल संक्रमण है जो हवा में ड्रॉप्लेट्स के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है।


3. 2009 स्वाइन फ्लू (H1N1) महामारी कहाँ से शुरू हुई?

2009 में स्वाइन फ्लू का प्रकार पहली बार अमेरिका में पाया गया था और तेज़ी से अन्य देशों में फैलने लगा। 


4. स्वाइन फ्लू कितने समय तक रह सकता है?

स्वाइन फ्लू के विभिन्न साइकल्स में शामिल हैं:

  • इन्क्यूबेशन पीरियड: 1-4 दिन, और गंभीर मामलों में, यह 7 दिनों तक रह सकता है।

  • कंटेजीयस पीरियड: ये लक्षण दिखने से 1 दिन पहले शुरू होता है और 5-7 दिनों तक रहता है।


6. H1N1 कैसे फैलता है?

स्वाइन फ्लू (H1N1) विभिन्न तरीकों से फैल सकता है जैसे-

  • किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से।

  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से। 

  • संक्रमित व्यक्ति के सामान का इस्तेमाल करने से। 


संदर्भ

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