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जॉन्डिस (पीलिया) से जल्द रिकवरी के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं

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Written by:

Akriti Tiwary

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Published on: 17 Nov 2023

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Updated on: 30 Nov 2023

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10 min

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412 Views

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आपने कभी न कभी तो जॉन्डिस या आम भाषा में बोला जाए तो पीलिया का नाम सुना ही होगा। जॉन्डिस एक मेडिकल कंडीशन है जो लीवर खराब होने का संकेत देती है। इसके लक्षण हैं त्वचा, आंखों का सफेद भाग और म्यूकस मेम्ब्रेन का पीला पड़ना, बुखार, ठंड लगना, गहरे रंग का पेशाब और पेट में दर्द होना। बिलीरुबिन का अधिक उत्पादन जॉन्डिस का कारण बन सकता है।

यह ब्लॉग आपको जॉन्डिस से उबरने और रोग मुक्त होने के त्वरित और प्रभावी तरीकों पर एक मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसके अलावा, हम जॉन्डिस के लक्षणों, ठीक होने में आहार की भूमिका और स्वस्थ लिवर के अहार और परहेज़ पर चर्चा करेंगे।

विषयसूची

1. जॉन्डिस ठीक होने में आहार की क्या भूमिका है?

2. जॉन्डिस के दौरान क्या खाना चाहिए?

3. जॉन्डिस के दौरान क्या ना खाएं 

4. निष्कर्ष 

5. सामान्य प्रश्न

जॉन्डिस ठीक होने में आहार की क्या भूमिका है?

जॉन्डिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा, आंखों की सफेद झिल्ली और मूत्र पीले रंग के दिखाई देते हैं। ऐसा तब होता है जब रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, जो  लिवर द्वारा बनाये जाने वाला एक पीले रंग का पदार्थ है। जॉन्डिस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वायरल संक्रमण, यकृत रोग, और कुछ दवाएं शामिल हैं।


जॉन्डिस ठीक होने में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आहार लीवर के कार्य को बेहतर बनाने  और  जॉन्डिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।


फल और सब्जियां विटामिन, खनिजों और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत हैं। ये पोषक तत्व लीवर के कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। जॉन्डिस में विशेष रूप से पीले रंग के फल और सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है, जैसे कि संतरा, नींबू, गाजर, और पपीता।


फाइबर पाचन में मदद करता है और लीवर को विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। कम वसा वाले प्रोटीन, जैसे कि चिकन, मछली, और टोफू, लीवर के लिए पचाने में आसान होते हैं।

जॉन्डिस के दौरान क्या खाना चाहिए?


जॉन्डिस बिलीरुबिन के स्तर में वृद्धि के कारण होता है जिसकी वजह से, त्वचा और आंखों का रंग पीला  हो जाता है। यदि उपचार न किया जाए तो जॉन्डिस से लीवर सिरोसिस और यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है। आपको जल्दी और सुरक्षित रूप से ठीक होने में मदद के लिए, इन सरल युक्तियों का पालन करें:

1. भरपूर पानी पिएं 

पानी हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए आवश्यक है। इसलिए, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और अपने लीवर को ठीक से काम करने में मदद करने के लिए खूब पानी पीना महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, मीठे पेय, कैफीन और अल्कोहल से बचें, क्योंकि ये स्थिति को और खराब करते हैं ।

2. ताज़े फल और सब्जियाँ

इस बात के बहुत से प्रमाण हैं कि अपने आहार में भरपूर मात्रा में ताज़े फल और सब्जियाँ शामिल करने से आपके स्वास्थ्य को लाभ हो सकता है। दरअसल, फल और सब्जियों को सुपरफूड माना जाता है क्योंकि इसमें उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं।

3. कॉफी और हर्बल चाय

कॉफी और हर्बल चाय बीमारी के दौरान पीने के लिए बेहतरीन पेय हैं। वे कैफीन को बढ़ावा देते हैं जो रिकवरी को बेहतर कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जॉन्डिस के रोगियों को लाभ पहुंचा सकते हैं।


किसी बीमारी से उबरने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीना आवश्यक है, क्योंकि पानी की कमी से आप डिहाइड्रेशन का शिकार बन सकते हैं जिसकी वजह से आप अधिक कमज़ोर और बीमार महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें कि आप जंक फ़ूड न खाएं, क्योंकिआपके ठीक होने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है।  

4. मेवे और फलियाँ

यदि आप जॉन्डिस से उबर रहे हैं, तो आहार में मेवे और फलियां शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर हैं जो आपके शरीर को जल्दी ठीक होने में मदद करेंगे। दिन भर में थोड़ा-थोड़ा भोजन करना सुनिश्चित करें, ताकि आपको ब्लोटिंग, एसिडिटी या कमज़ोरी महसूस न हो। 

ये भी पढ़े: विटामिन C से भरपूर कुछ भारतीय खाद्य पदार्थ

जॉन्डिस के दौरान क्या ना खाएं 


जॉन्डिस लिवर के खराब होने का एक आम संकेत है। हालांकि, कुछ ज्ञान और दिशानिर्देशों के साथ, आप जल्दी से ठीक हो सकते हैं और अपनी दिनचर्या फिर से शुरू कर सकते हैं। जॉन्डिस आहार के दौरान परहेज़ करने के लिए यहां खाद्य पदार्थ कुछ इस प्रकार हैं-

1. शराब

यदि आप नवजात शिशुओं के माता-पिता हैं, तो जॉन्डिस आपके लिए चिंता का विषय है। जॉन्डिस तब होता है जब लिवर पर्याप्त बाइल जूस का उत्पादन नहीं करता है। बाइल जूस एक पीला फ्लूइड है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को तोड़ने और खत्म करने में मदद करता है।

सौभाग्य से, रिकवरी प्रोसेस को बेहतर करने में मदद के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, जितना संभव हो शराब का सेवन कम करें, ताज़े फल और सब्जियां खूब खाएं और पर्याप्त आराम करें।

2. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट

सफेद ब्रेड, पास्ता, मीठे स्नैक्स आदि जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट लीवर में सूजन और जॉन्डिस का कारण बनते हैं।

ये खाद्य पदार्थ लीवर में विषाक्त पदार्थ इकट्ठा करते हैं जिसके कारण शरीर सुचारु रूप से कार्य नहीं कर पाता।  साथ ही ये खाद्य पदार्थ बहुत कम आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। वे वास्तव में वज़न बढ़ाने में भी योगदान दे सकते हैं!

लीवर को डिटॉक्स करने और इन समस्याओं से बचने के लिए खूब फल और सब्जियां का सेवन करना चाहिए। कुछ पेय जैसे तरबूज का जूस या ग्रीन टी प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर के रूप में कार्य करते हैं और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सक्षम होते हैं। 

3. पैक्ड और स्मोक्ड खाद्य पदार्थ

पैक्ड और स्मोक्ड खाद्य पदार्थों में चीनी और एडिटिव्स की मात्रा अधिक होती है जो जॉन्डिस का कारण बन सकती हैं। इनमें अस्वास्थ्यकर फैट भी होते हैं जो आपकी आर्टरी को ब्लॉक कर सकते हैं। इसलिए जितना हो सके आपको पैक्ड और स्मोक्ड फूड्स से बचना चाहिए और अपने डाइट प्लान में पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। 

4. सैचुरेटेड और ट्रांस फैट 

सैचुरेटेड और ट्रांस फैट लिवर के लिए हानिकारक है, और उन्हें खाने से जॉन्डिस का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए इन फैट के कारण होने वाली परेशानियों से बचने के लिए हाई फैट खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड, शुगर जूस आदि को कम करना आवश्यक है। अपने लिवर को डिटॉक्स करने और जॉन्डिस से जल्द राहत पाने के लिए आप डिटॉक्स वाटर पिएं।

5. लाल मांस का सेवन 

जॉन्डिस में लाल मांस का सेवन नहीं करना चाहिए क्यूंकि इसमें बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होती है। दरअसल बिलीरुबिन एक पीले रंग का पदार्थ होता है जो रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। 

लाल मांस में हीमोग्लोबिन और हीमोसायटोक्रोम की मात्रा अधिक होती है। हीमोग्लोबिन और हीमोसायटोक्रोम लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्रोटीन हैं जो ऑक्सीजन को ले जाने का काम करते हैं। जब लाल रक्त कोशिकाएं टूटती हैं, तो हीमोग्लोबिन और हीमोसायटोक्रोम बिलीरुबिन में परिवर्तित हो जाते हैं जो जॉन्डिस होने के खतरे को और बढ़ा देते हैं साथ ही अन्य लक्षणों जैसे कि थकान, कमज़ोरी, और भूख न लगना भी बढ़ सकते हैं।

6. कच्ची या अधपकी मछली 

जॉन्डिस से बचने के लिए उन खाद्य पदार्थों के बारे में जागरूक होना ज़रूरी है जो इसका कारण बन सकते हैं या स्थिति को और ख़राब कर सकते हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल, फैट या प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ इसके आम कारण हैं। अधपकी या कच्ची मछली और शंख खाने से बचें क्योंकि इनमें उच्च विषाक्त पदार्थ होते हैं जो आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए समुद्री भोजन को अच्छी तरह पकाने की सलाह दी जाती है क्योंकि  पकाने से हानिकारक बैक्टीरिया नुकसान पहुंचाने से पहले ही मर जाते है।


तो यदि आप भी जॉन्डिस से बचना चाहते है तो बताई गई  युक्तियों का पालन ज़रूर  करें।

ये भी पढ़े: हेल्दी एजिंग: बेहतर स्वास्थ्य के लिए तनाव और चिंता को कम कैसे करें? 

निष्कर्ष 

जॉन्डिस ब्लड में बिलीरुबिन के स्तर में वृद्धि के कारण होने वाली बीमारी है। बिलीरुबिन एक पीला पिग्मेंट है जो तब उत्पन्न होता है जब लीवर बिलीरुबिन युक्त ब्लड सेल्स को तोड़ने में विफल हो जाता है। जॉन्डिस धीरे-धीरे या तेज़ी से विकसित हो सकता है और कई संकेत और लक्षण पैदा कर सकता है। 


जॉन्डिस से रिकवरी के लिए और स्थायी क्षति के जोखिम को कम करने के लिए, सवस्थ आहार का पालन करना आवश्यक है। इस ब्लॉग में हमने आपको जॉन्डिस के लिए आहार के बारे में बताया है साथ ही किन चीज़ों के सेवन से बचना चाहिए ये भी बताया है।  यदि आप जॉन्डिस से बचना चाहते हैं तो बताये गए टिप्स को फॉलो करें। अधिक जानकारी के लिए ToneOp से जुड़ें। 

सामान्य प्रश्न

1. नवजात शिशुओं में जॉन्डिस को कैसे रोका जा सकता है ? 

नवजात शिशुओं में जॉन्डिस को रोकने के लिए सुनिश्चित करें कि शिशु पर्याप्त दिन धूप और सूर्य की किरणों में समय बिताएं। नियमित चेकअप और डॉक्टर की सलाह लें।

  • बच्चों को हर 2-3 घंटे में खिलाएं। इससे बिलीरुबिन को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है।

  • बच्चों को धूप में रखें। धूप के कारण शरीर में बिलीरुबिन को  प्रोसेस करने वाले एंजाइम सक्रिय होते हैं।

  • स्तनपान से शिशुओं को पर्याप्त मात्रा में दूध मिलता है, जो बिलीरुबिन को कम करने में मदद करता है।

2. क्या जॉन्डिस जानलेवा हो सकता है?

जॉन्डिस जानलेवा हो सकता है और यदि इलाज न किया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्या के साथ मृत्यु हो सकती है। इसलिए, एक अच्छी डाइट प्लान का पालन करना आवश्यक है जिसमे हम उच्च फैट वाले खाद्य पदार्थों, पेय, शराब और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से परहेज करें। 


3. जॉन्डिस का निदान कैसे किया जाता है?

आपके डॉक्टर सबसे पहले एक शारीरिक परीक्षण करेंगे। इस जांच के दौरान, डॉक्टर पीली त्वचा और आंखों जैसे लक्षण देखेंगे। यदि जॉन्डिस अधिक गंभीर है, तो डॉक्टर हृदय की क्षति और अन्य जटिलताओं की जांच के लिए ब्लड टेस्ट का आदेश देंगे। ज़्यादातर मामलों में, जॉन्डिस का निदान ब्लड टेस्ट के परिणामों से किया जाता है।

4. जॉन्डिस के लक्षण क्या है?

जॉन्डिस के लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला होना

  2. मूत्र का रंग गहरा पीला या नारंगी होना

  3. मल का रंग पीला होना

  4. थकान

  5. भूख न लगना

  6. पेट में दर्द

  7. सिरदर्द

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